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राज्यों को गर्भवती महिलाओं की जांच के माध्यम से कड़ी निगरानी रखने के लिए कहा
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कहा-परिसरों को एडीज मच्छर मुक्त रखने के लिए निगरानी और कार्रवाई करें
भुवनेश्वर। केंद्र ने बुधवार को महाराष्ट्र में जीका वायरस के मामलों के मद्देनजर राज्यों को परामर्श जारी किया है। नवीनतम परामर्श के अनुसार, राज्यों को जीका वायरस संक्रमण के लिए गर्भवती महिलाओं की जांच के माध्यम से कड़ी निगरानी रखने के लिए कहा गया है। राज्यों से जीका के लिए पॉजिटिव गर्भवती माताओं के भ्रूण के विकास की निगरानी करने का भी आग्रह किया गया है।
राज्यों से यह भी कहा गया है कि वे स्वास्थ्य सुविधाओं/अस्पतालों को एक नोडल अधिकारी की पहचान करने की सलाह दें, जो परिसर को एडीज मच्छर मुक्त रखने के लिए निगरानी और कार्रवाई करे।
राज्यों से आवासीय क्षेत्रों, कार्यस्थलों, स्कूलों, निर्माण स्थलों, संस्थानों और स्वास्थ्य सुविधाओं में कीट विज्ञान निगरानी को मजबूत करने और वेक्टर नियंत्रण गतिविधियों को तेज करने के लिए कहा गया है। हालांकि, इसे माइक्रोसेफली से जुड़ा बताया गया है, लेकिन 2016 के बाद से देश में जीका से जुड़े माइक्रोसेफली की कोई रिपोर्ट नहीं मिली है। जीका डेंगू और चिकनगुनिया की तरह एक एडीज मच्छर जनित वायरल बीमारी है। यह एक गैर-घातक बीमारी है। हालांकि, जीका से प्रभावित गर्भवती महिलाओं से पैदा होने वाले शिशुओं में माइक्रोसेफली (सिर का आकार कम होना) होता है, जो इसे एक बड़ी चिंता का विषय बनाता है।
भारत में 2016 में गुजरात राज्य से जीका का पहला मामला सामने आया था। तब से तमिलनाडु, मध्य प्रदेश, राजस्थान, केरल, महाराष्ट्र, उत्तर प्रदेश, दिल्ली और कर्नाटक जैसे कई अन्य राज्यों ने बाद में मामले दर्ज किए हैं।
2024 में 2 जुलाई तक महाराष्ट्र के पुणे (6), कोल्हापुर (1) और संगमनेर (1) में आठ मामले दर्ज किए हैं।