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राज्य स्वास्थ्य विभाग ने सभी सरकारी और निजी डॉक्टरों तथा पंजीकृत चिकित्सकों को लिखा पत्र
भुवनेश्वर। राज्य स्वास्थ्य विभाग ने सभी सरकारी और निजी डॉक्टरों तथा पंजीकृत चिकित्सकों को बलात्कार पीड़ितों की मेडिकल रिपोर्ट सात दिनों के भीतर उपलब्ध कराने के निर्देश जारी किए हैं।
इसे लेकर विभाग के एक आधिकारिक पत्र लिखा है। पत्र में कहा गया है कि भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता, 2023 की धारा 184 के तहत वैधानिक प्रावधानों के संदर्भ में, जिसे 01.07.2024 से लागू किया गया है, प्रत्येक पीड़ित महिला, जिसके साथ बलात्कार का आरोप लगाया गया है या करने का प्रयास किया गया है, उसकी जांच केंद्र सरकार, राज्य सरकार, स्थानीय निकायों या किसी अन्य व्यक्ति द्वारा संचालित अस्पतालों, सार्वजनिक या निजी के डॉक्टर/मेडिकल प्रैक्टिशनर द्वारा की जाएगी, जो ऐसी महिला या उसकी ओर से ऐसी सहमति देने में सक्षम किसी व्यक्ति की सहमति से होगी। उपरोक्त प्रावधानों के विवरण को स्पष्ट करने के लिए विभाग ने विस्तृत रूप से बताया है।
दिशा-निर्देश
- बलात्कार की कोई भी पीड़िता, जिसकहा बलात्कार किया गया है या करने का प्रयास किया गया है,उसे पुलिस अधिकारी द्वारा डॉक्टर के सामने पेश किया जाता है,की मेडिकल जांच बिना किसी अनावश्यक देरी के की जाएगी।
- यदि कोई विलम्ब हुआ है,तो उसका कारण रजिस्टर में तथा जांच रिपोर्ट में लिखा जाएगा।
- जांच शुरू होने तथा समाप्त होने का सही समय भी रिपोर्ट में दर्ज किया जाएगा।
- चिकित्सक/पंजीकृत मेडिकल प्रैक्टिशनर पीड़ित महिला की चिकित्सा जांच के बाद सात दिनों के भीतर जांच रिपोर्ट जांच अधिकारी को भेजेगा।
- चिकित्सक/पंजीकृत मेडिकल प्रैक्टिशनर द्वारा पीड़ित महिला की स्पष्ट सहमति ली जाएगी,सिवाय उसकी आयु बारह वर्ष से कम होने के।
- यदि पीड़ित महिला की आयु बारह वर्ष से कम है,तो उसके माता-पिता या अभिभावक उपस्थित होकर उसकी चिकित्सा जांच के लिए सहमति देंगे।