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मंत्री नित्यानंद गोंड ने इसकी स्थापना करने का दिया निर्देश
भुवनेश्वर। ओडिशा की राजधानी भुवनेश्वर के बाहरी इलाके में आदिवासी भाषा एवं संस्कृति अकादमी (एटीएलसी) के लिए एक शैक्षणिक केंद्र एवं भाषा प्रयोगशाला की स्थापना की जायेगी।
राज्य के अनुसूचित जनजाति एवं अनुसूचित जाति विकास, अल्पसंख्यक एवं पिछड़ा वर्ग कल्याण विभाग के मंत्री नित्यानंद गोंड ने इसकी स्थापना करने का निर्देश दिया है।
बताया गया है कि प्रयोगशाला की स्थापना विभाग की 100 दिवसीय योजना के तहत की जाएगी। अधिकारियों ने बताया कि एटीएलसी के लिए नया शैक्षणिक केंद्र एवं भाषा प्रयोगशाला गोठपाटणा में प्रस्तावित आदिवासी भवन के पास स्थापित की जाएगी। यह आदिवासी कला, संस्कृति एवं विकास की बैठकों, सम्मेलनों, शो एवं प्रदर्शनियों के लिए एक बहुउद्देशीय केंद्र होगा।
उल्लेखनीय है कि एटीएलसी, जो कि अनुसूचित जनजाति, अनुसूचित जाति विकास एवं पिछड़ा वर्ग कल्याण विभाग के तहत एक स्वायत्त संस्था है, की स्थापना 1979 में की गई थी और इसे आदिवासी बोलियों एवं संस्कृति अकादमी (एटीडीसी) के नाम से जाना जाता था।
2007-2008 में पुनः नामांकित, यह ओडिशा की 64 जनजातियों और विशेष रूप से 13 कमज़ोर आदिवासी समूहों, उनकी लोककथाओं, संस्कृति और परंपराओं, पहेलियों, आत्मकथाओं, व्यंजनों, शब्दकोशों, गीतों, लोकगीतों, उपन्यासों और प्रवीणता मॉड्यूल के बारे में जानने के लिए वन-स्टॉप गंतव्य है। इसके सबसे ज्यादा बिकने वाले प्रकाशनों में से एक है ओडिशा का आदिवासी एटलस।
शोध और प्रकाशनों के अलावा, एटीएलसी विद्वानों, फिल्म निर्माताओं, लेखकों, गैर-सरकारी संगठनों (एनजीओ) और आदिवासी समुदायों और उनकी संस्कृतियों में रुचि रखने वाले सरकारी संस्थानों को मार्गदर्शन और परामर्श सेवाएँ भी प्रदान करता है।
अकादमी आदिवासी भाषाओं के अपने कामकाजी ज्ञान को बढ़ाने के लिए क्षेत्र के कार्यकर्ताओं और शिक्षकों को भाषा कौशल प्रदान करने के लिए विभिन्न आदिवासी उप-योजना (टीएसपी) क्षेत्रों में भाषा प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित कर रही है।
एटीएलसी उत्कृष्ट आदिवासी प्रतिभाओं को सम्मानित करने के अलावा वार्षिक आदिवासी मेला और राज्य स्तरीय छात्र उत्सव “सरगिफुल” का भी आयोजन करता है।