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ट्विन सिटी को किया जायेगा विकसित, पवित्र शहर पुरी होगा शामिल
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तीनों शहरों को आने वाले दिनों में जोड़ेगी मेट्रो रेल परियोजना
भुवनेश्वर। कटक-भुवनेश्वर ट्विन सिटी को विकसित कर अब ट्रिपल सिटी में तब्दील किया जायेगा। इसमें महाधाम पुरी को भी जोड़ा जायेगा। एक ऐतिहासिक निर्णय में नवनिर्वाचित भाजपा के नेतृत्व वाली ओडिशा सरकार ने ट्विन सिटी (कटक और भुवनेश्वर) को ट्रिपल सिटी में विकसित करने के लिए कमर कस ली है। आवास और शहरी विकास मंत्री कृष्ण चंद्र महापात्र ने इसकी जानकारी देते हुए कहा कि सभी विश्वस्तरीय सुविधाओं के साथ कटक और भुवनेश्वर ट्विन सिटी को कटक-भुवनेश्वर-पुरी ट्रिपल सिटी में फिर से विकसित किया जाएगा।
मंत्री ने कहा कि भुवनेश्वर में शुरू की गई मेट्रो रेल योजना को आने वाले दिनों में कटक-भुवनेश्व-पुरी को जोड़कर लागू किया जाएगा।
एक बैठक की अध्यक्षता करते हुए उन्होंने अधिकारियों को शहरी क्षेत्र के लोगों को गुणवत्तापूर्ण सेवाएं प्रदान करने के लिए टीम वर्क करने का निर्देश दिया। महापात्र ने स्वच्छ भारत अभियान के दृष्टिकोण के अनुसार बड़े पैमाने पर पेड़ लगाने के अलावा बेहतर रेल कनेक्टिविटी, बस सुविधाएं, साफ सड़कें, अस्पताल और अन्य सुविधाओं के साथ विश्वस्तरीय सुविधाएं विकसित करने की आवश्यकता पर जोर दिया।
मंत्री ने अधिकारियों को शहरी यातायात व्यवस्था में सुधार लाने और यात्रा की अवधि कम करने की योजना बनाने की भी सलाह दी।
ओडिशा दुनिया के लिए बनेगा मॉडल राज्य
उन्होंने कहा कि हम ओडिशा को एक ऐसे राज्य में बदलना चाहते हैं, ताकी पूरी दुनिया इसे एक मॉडल राज्य के रूप में देखे। हमारे पास ट्विन सिटी है, इसलिए हम पुरी को शामिल करके इसे ट्रिपल सिटी में बदलने की योजना बना रहे हैं। पवित्र शहर ने ओडिशा को अच्छा नाम दिलाया है और हमें विश्वस्तर पर स्थापित किया है। यदि तीन शहरों का विकास किया जाता है, तो यह एक वित्तीय केंद्र बन जाएगा। इससे रोजगार के बहुत सारे अवसर पैदा होंगे और उद्यमियों और निवेशकों को आकर्षित किया जाएगा। सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि हम पलायन को समाप्त कर सकते हैं, ताकि हमारे गरीब लोगों को मजदूर के रूप में काम करने के लिए दूसरे राज्यों में न जाना पड़े।
गोवा की विकसित होंगे पुरी-पारादीप
उन्होंने कहा कि हम सभी गोवा के बारे में जानते हैं। हालांकि यह इतनी छोटी जगह है, लेकिन इसमें बहुत सारी दुकानें, छोटे और बड़े उद्योग हैं और रोजगार के अवसर पैदा होते हैं। तो, हम पुरी और पारादीप को गोवा की तरह क्यों नहीं बदल सकते? हम पुरी और पारादीप को गोवा की तरह विकसित कर सकते हैं।