-
पार्टी अध्यक्ष नवीन पटनायक ने राज्यसभा सांसदों के साथ की बैठक
-
राज्य के मुद्दों को अधिक तीखे और शक्तिशाली तरीके से उठाने का निर्देश दिया
भुवनेश्वर। ओडिशा में लोकसभा और विधानसभा चुनाव में करारी हार के बाद बीजू जनता दल (बीजद) ने सख्त रुख अख्तियार कर लिया है और राज्यसभा में भाजपा को समर्थन देने की जगह एक मजबूत विपक्ष की भूमिका निर्वहन करने को तैयार हो गयी है।
संसद में बीजद की भूमिका और दृष्टिकोण पर चर्चा और निर्णय लेने के लिए सोमवार को भुवनेश्वर में बीजू जनता दल (बीजद) के राज्यसभा सदस्यों की बैठक हुई। बीजद अध्यक्ष नवीन पटनायक की अध्यक्षता में हुई बैठक में क्षेत्रीय पार्टी के सभी नौ राज्यसभा सांसदों ने भाग लिया।
बैठक राजधानी में पार्टी सुप्रीमो के आवास नवीन निवास पर हुई। पार्टी प्रमुख के साथ बैठक के दौरान बीजद सांसदों ने संसद में अपनाई जाने वाली रणनीतियों पर चर्चा की।
बैठक में नवीन ने राज्यसभा में सभी नौ सांसदों को ओडिशा से संबंधित मुद्दों को अधिक तीखे और शक्तिशाली तरीके से उठाने का निर्देश दिया। पार्टी ने राज्यसभा में एक मजबूत विपक्ष की आवाज के रूप में उभरने का भी फैसला किया।
इस खबर के बाद अब सभी की निगाहें बीजद पर टिकी हैं, जिसने अतीत में केंद्र में भाजपा के नेतृत्व वाली सरकार को मुद्दा-आधारित समर्थन दिया था। हालांकि अब वह कड़क रुख अख्तियार करती दिख रही है।
गौरतलब है कि हाल के चुनावों में बीजद ओडिशा की 21 लोकसभा सीटों में खाता भी नहीं खोल पायी, जबकि भाजपा ने 20 लोकसभा सीटें जीतीं और एक सीट कांग्रेस की झोली में गयी।
पिछले आम चुनावों में करारी हार के बाद बीजद के चुनावी इतिहास में यह पहला मौका होगा जब लोकसभा में उसका कोई प्रतिनिधित्व नहीं है।
हालांकि, बीजद के अब राज्यसभा में नौ सदस्य हैं और पार्टी संसद के ऊपरी सदन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने के लिए तैयार हैं।
बैठक के बाद बीजद सांसद सस्मित पात्र ने कहा कि पार्टी अध्यक्ष ने राज्यसभा सदस्यों से संसद के ऊपरी सदन में राज्य के लोगों की आवाज को प्रभावी ढंग से उठाने को कहा है।
पात्र ने कहा कि नवीन पटनायक ने बीजद संसदीय दल की बैठक की अध्यक्षता की और हमें संसद में एक बहुत मजबूत और प्रभावी विपक्ष बनने की बहुत दृढ़ता से सलाह और निर्देश दिया है। बीजू जनता दल के नौ राज्यसभा सांसद संसद में राज्य की मजबूत आवाज बनेंगे और ओडिशा के 4.5 करोड़ लोगों के मुद्दे उठाएंगे।
उन्होंने कहा कि पार्टी अध्यक्ष ने हमें ओडिशा के हित में विभिन्न मुद्दे उठाने को कहा है, चाहे वह राज्य के लिए विशेष श्रेणी का दर्जा हो, राष्ट्रीय राजमार्ग, रेलवे, दूरसंचार, डिजिटल कनेक्टिविटी, बैंकिंग, आदिवासी विकास, युवा, शिक्षा स्वास्थ्य हो। इसके साथ ही पार्टी अध्यक्ष ने यह भी निर्देश दिया कि अगर ओडिशा के 4.5 करोड़ लोगों की आवाज का उचित सम्मान नहीं किया गया, तो बीजद भारत में सबसे मजबूत विपक्ष के रूप में उभरेगी।
उन्होंने कहा कि इस बैठक के बाद हम बीजद के सांसद ओडिशा की आवाज के रूप में राज्य से संबंधित मुद्दों को राज्यसभा में उठाएंगे।