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आवास एवं शहरी विकास मंत्री की समीक्षा बैठक
भुवनेश्वर। आवास एवं शहरी विकास मंत्री डॉ कृष्णचंद्र महापात्र ने विभागीय अधिकारियों को शहरी क्षेत्रों में कृत्रिम बाढ़ को रोकने और जल निकासी व्यवस्था को अधिकतम महत्व देने का निर्देश दिया। कल आवास एवं शहरी विकास विभाग की विभिन्न योजनाओं और कार्यक्रमों की समीक्षा के दौरान मंत्री महापात्र ने अधिकारियों को शहरी विकास को प्राथमिकता देने का निर्देश दिया।
मंत्री डॉ महापात्र ने कहा कि विकसित भारत के लक्ष्य के साथ विकसित ओडिशा के लिए शहरी विकास आवश्यक है। इसलिए राज्य के विभिन्न एनएसी, नगर पालिकाओं और निगमों को और अधिक सक्रिय बनाया जाना चाहिए। चूंकि भुवनेश्वर राज्य की राजधानी है, इसलिए उन्होंने इसे वैश्विक मॉडल के रूप में विकसित करने और पूरे राज्य के बुनियादी ढांचे और शहरी विकास पर ध्यान केंद्रित करने की सलाह दी। उन्होंने कहा कि विकास कार्यों के साथ-साथ लोगों के कल्याण पर जोर दिया जाना चाहिए। अनावश्यक खर्च के बिना विवेकपूर्ण तरीके से बजट बनाया जाएगा।
इस अवसर पर आवास एवं शहरी विकास विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव श्री जी. मथिवाथनन ने ‘शहरी विकास में सफल यात्रा’ पर एक प्रस्तुति दी तथा विभाग की विभिन्न योजनाओं एवं कार्यक्रमों की उपलब्धियों का विस्तृत ब्यौरा दिया।
डा महापात्र ने भुवनेश्वर जैसे शहरों में जल जमाव एवं जलनिकासी की समस्याओं को प्राथमिकता के आधार पर हल करने का निर्देश दिया है। मंत्री के निर्देश पर शहरी क्षेत्रों में वर्षा जल/बाढ़ जल प्रबंधन के संबंध में विभाग द्वारा एक दिशा-निर्देश जारी किया गया है तथा राज्य के सभी नगर निगम अधिकारियों को इसका कड़ाई से अनुपालन करने का निर्देश दिया गया है। संबलपुर में हाल ही में पीलिया के प्रकोप के संदर्भ में डॉ. महापात्र ने वाटको के सीईओ को वहां पानी की गुणवत्ता की तत्काल जांच करने का निर्देश दिया है। बैठक में विशेष प्रशासनिक सचिव और बीएमसी आयुक्त राजेश प्रभाकर पाटिल, नगर निदेशक संग्रामजीत नायक और अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।
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