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कहा-जिस पार्टी के लिए वे संघर्ष कर रहे थे, वह अब वही पार्टी नहीं रही
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दर्द देने के लिए वीके पांडियन को दोषी माना
भुवनेश्वर। भुवनेश्वर से पांच बार सांसद रहे प्रसन्न पाटसाणी ने आखिरकार बीजद से नाता तोड़कर भाजपा का दामन थाम लिया।
भुवनेश्वर से भाजपा सांसद अपराजिता षाड़ंगी की मौजूदगी में भाजपा का दामन थामने के बाद उन्होंने बीजद पर जमकर निशाना साधा। उन्होंने कहा कि जिस पार्टी के लिए वे संघर्ष कर रहे थे, वह अब वही पार्टी नहीं रही।
उन्होंने कहा कि इतना दर्द देने के लिए मैं किसी और को नहीं, बल्कि पांडियन को दोषी मानता हूं। अब हम साथ मिलकर काम करेंगे।
सांसद षाड़ंगी ने कहा कि वे भुवनेश्वर से पांच बार सांसद रहे हैं। उन्होंने कई मौकों पर मेरा मार्गदर्शन किया है। आज वे मेरे कार्यालय में भाजपा में शामिल हुए और यह मेरे लिए बहुत बड़ा अवसर है। हम सभी उन्हें एक कवि, एक अनुभवी व्यक्ति और सबसे बढ़कर एक महान राजनेता के रूप में जानते हैं। वे हमारे साथ हैं। मुझे यकीन है कि उनकी मौजूदगी मुझे बहुत ताकत देगी। पाटसाणी 1998 से 2019 तक भुवनेश्वर से सांसद रहे। 2019 के आम चुनावों में उन्हें टिकट नहीं दिया गया। 2024 के आम चुनावों में वे भुवनेश्वर लोकसभा सीट के लिए टिकट चाहने वालों में से एक थे, लेकिन पार्टी ने उन्हें टिकट देने से इनकार कर दिया। पार्टी ने उनकी जगह वरिष्ठ नेता सुरेश राउतराय के बेटे मन्मथ राउतराय को मैदान में उतारा। इसके बाद उन्होंने चिल्का विधानसभा क्षेत्र पर नजर रखी थी, लेकिन बीजद ने वहां से रघुनाथ साहू को उम्मीदवार बनाया।