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ओडिशा में उद्योगों को पर्यावरण को नुकसान पहुंचाने की अनुमित नहीं

  • संसाधनों का दोहन करने की अनुमति नहीं देगी राज्य सरकार – उपमुख्यमंत्री

  • उद्योगों से अपने मापदंडों पर टिके रहने की अपील की

भुवनेश्वर। ओडिशा के उपमुख्यमंत्री कनक वर्धन सिंहदेव ने कहा कि राज्य सरकार किसी भी उद्योग को पर्यावरण को नुकसान पहुंचाने और इसके प्राकृतिक संसाधनों का दोहन करने की अनुमति नहीं देगी।

सिंहदेव ने भुवनेश्वर में क्षेत्रीय समाचार पत्र के सीईओ सम्मेलन संबोधित करते हुए कहा कि हमारी सरकार राज्य में तेजी से औद्योगिकीकरण के लिए हर संभव कदम उठाएगी। साथ ही यह पर्यावरण की दृष्टि से सतत विकास सुनिश्चित करेगी। किसी भी बाहरी ताकत को हमारे जंगलों और प्राकृतिक संसाधनों का दोहन करने की अनुमति नहीं दी जाएगी।

 उन्होंने कहा कि राज्य की भाजपा सरकार पर्यावरण, सामाजिक और शासन (ईएसजी) लक्ष्यों के प्रति प्रतिबद्ध है। उन्होंने उद्योगों से अपने मापदंडों पर टिके रहने की अपील की। उन्होंने निवेशकों को वर्तमान में उनके सामने आने वाली बाधाओं को दूर करके राज्य में उद्योग स्थापित करने की प्रक्रिया को सुव्यवस्थित करने का आश्वासन दिया।

उद्योग स्थाना को एकल खिड़की

उन्होंने कहा कि नई सरकार उद्योगों की स्थापना और विकास को सुविधाजनक बनाने के लिए एकल खिड़की मंजूरी प्रदान करेगी। मैं आश्वासन देता हूं कि जब हम कहते हैं कि हम आपको उद्योगों के लिए एकल खिड़की मंजूरी देंगे, तो हमारा मतलब है और हम आपको इधर-उधर भटकाने नहीं जा रहे हैं।

ओड़िया अस्मिता को सर्वोच्च प्राथमिकता

सिंहदेव ने आगे कहा कि भाजपा ने चुनाव के दौरान वादा किया था कि अगर वह सत्ता में आती है तो ओड़िया अस्मिता को सर्वोच्च प्राथमिकता देगी। उन्होंने कहा कि वादे के अनुसार, सरकार सभी निर्णय लेते समय ओड़िया अस्मिता को ध्यान में रखेगी। यह राज्य के लोगों को सरकार की निर्णय लेने की प्रक्रिया में भाग लेकर अपने चुने हुए प्रतिनिधियों के माध्यम से अपने भाग्य का फैसला करने देगी।

दो दिन में हुए बड़े फैसले

सम्मेलन में बोलते हुए मंत्री सुरेश पुजारी ने कहा कि सरकार ने सत्ता संभालने के दो दिनों के भीतर ही कुछ बड़े फैसले लिए हैं। अब किसान 3,100 रुपये प्रति क्विंटल पर धान बेच सकते हैं। सरकार 100 दिनों के भीतर सुभद्रा योजना के तहत महिलाओं को 50,000 रुपये का उपहार वाउचर प्रदान करेगी। इसके अलावा, पुरी में जगन्नाथ मंदिर के रखरखाव और विकास के लिए 500 करोड़ रुपये का कोष स्थापित करने के लिए कदम उठाए जाएंगे।

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