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भारतीय प्राणी सर्वेक्षण के शोधकर्ताओं ने शोध के बाद पता लगाया
ब्रह्मपुर। भारतीय प्राणी सर्वेक्षण (जेडएसआई) के शोधकर्ताओं ने ओडिशा तट से सांप की एक नई प्रजाति की खोज की है। इसका नाम ईल ओफिचथस (एंगुइलिफॉर्मेस: ओफिचथिडे) बताया गया है।
बताया जाता है कि यह अध्ययन सुवर्णरेखा और बाहुड़ा तट के किनारे दो अलग-अलग मुहानों से एकत्रित किए गए नमूनों और पारादीप फिश लैंडिंग सेंटर के तटीय मछुआरों से मिले एक नमूने पर किया गया था।
शोध दल का नेतृत्व करने वाले गोपालपुर के जेडएसआई के एस्टुरीन बायोलॉजी रिजीनल सेंटर के अनिल महापात्र ने कहा कि प्रारंभिक जांच से संकेत मिलता है कि वे ओफिचथस जीनस से संबंधित हैं। हालांकि बाद में मॉर्फोलॉजी, मेरिस्टिक और मोलेक्यलैर लक्षणों की जांच से पुष्टि हुई कि वे अद्वितीय नई प्रजातियां हैं।
इस शोध करने वाली टीम में राजेश कुमार बेहरा, स्मृतिरेखा आचार्य, सुभ्रेंदु शेखर मिश्र और अनिल महापात्र शामिल थे।
बताया जाता है कि ओफिकथस वंश के सदस्य, जिनमें ओफिकथस एलिनी, ओफिकथस जोफिस्टियस, और ओफिकथस एल्टिपेनिस शामिल हैं, को उनकी डॉर्सल फिन की उत्पत्ति, विशिष्ट कशेरुक संख्या और विशेष दांतों के पैटर्न द्वारा पहचाना जा सकता है। ये विशेषताएं उन्हें वंश की अन्य प्रजातियों से अलग करने में सहायक होती हैं।
नई प्रजाति में डॉर्सल फिन की उत्पत्ति गलफर के खुलने के ठीक ऊपर या उससे थोड़ा आगे होती है, पेक्टोरल फिन छोटी, गोलाकार और सफेद रंग की होती है, और डॉर्सल फिन के अग्र भाग पर कोई काला धब्बा नहीं पाया जाता है। ये विशिष्ट गुण इसे अन्य प्रजातियों से अलग करने में सहायक होते हैं।
इसके दांत छोटे और अधिक संख्या में होते हैं, जिनकी संरचना में मैक्सिला के प्रारंभ में यूनिसेरियल और अंत में ट्रिसेरियल और मैंडिबल के प्रारंभ में बाइसेरियल और अंत में ट्रिसेरियल शामिल हैं। ये विशिष्ट गुण इसे अन्य प्रजातियों से अलग करने में सहायक होते हैं।
शोध के लिए, तलसारी, बालेश्वर से चार ताजा मछली के नमूने सुवर्णरेखा मुहाना से तथा पारादीप से तटीय मछुआरों से एक नमूना और सुनापुर में बाहुड़ा मुहाना से एक नमूना एकत्र किया गया है।
नमूनों को 10 प्रतिशत फॉर्मेलिन में संरक्षित किया गया है और एस्टुरीन बायोलॉजी रिजीनल सेंटर, जेडएसआई गोपालपुर-ऑन-सी के राष्ट्रीय भंडार में जमा किया गया है।
शोधकर्ताओं के अनुसार, 21 परिवारों से संबंधित ईल ऑर्डर एंगुइलीफॉर्मेस की 1,069 प्रजातियां हैं। उनमें से ओफिचथिडे का सबसे बड़ा परिवार है, जिसमें दुनिया भर में 365 वैध प्रजातियां हैं, जिनमें दो उप-परिवार, मायरोफिने (72 प्रजातियां) और ओफिचथिने (293 प्रजातियां) हैं। भारतीय जल में उपपरिवार ओफिचथिनाई की 9 वंशों से संबंधित 27 प्रजातियां हैं, जिनमें से ओफिचथस वंश में केवल 15 प्रजातियां शामिल हैं।