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राज्य कैबिनेट की पहली बैठक में लिया गया था निर्णय
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मुख्यमंत्री और राज्य मंत्रिमंडल के सदस्यों की मौजूदगी में खोले गए सभी द्वार
भुवनेश्वर। ओडिशा में भाजपा की नई सरकार ने पहले दिन अपना एक वादा पूरा कर दिखाया है। नवनिर्वाचित मुख्यमंत्री मोहन चरण माझी की पहली कैबिनेट में लिये गये फैसले के मुताबिक आज गुरुवार को श्रीमंदिर के चारों कपाट भक्तों के लिए खोल दिये गये।
मुख्यमंत्री मोहन चरण माझी, उपमुख्यमंत्री कनक वर्धन सिंहदेव, उपमुख्यमंत्री प्रभाती परिडा, राज्य मंत्रिपरिषद के सदस्यों, कुछ सांसदों व विधायकों की उपस्थिति में आज पुरी स्थित महाप्रभु श्री जगन्नाथ के मंदिर के चार कपाट भक्तों के लिए खोले गये।
मुख्यमंत्री व अन्य लोगों ने श्रीमंदिर में मंगल आरती का दर्शन कर चारों द्वारों की प्रदक्षिणा की। इसके साथ साथ चारों द्वारों को खोल दिये गये।
मुख्यमंत्री ने कहा कि श्रद्धालुओं की भावनाओं और उनकी सुविधा को ध्यान में रखते हुए कल राज्य कैबिनेट में यह निर्णय लिया गया था। उस फैसले के मुताबिक, आज चार दरवाजे खोले कर निर्णय का क्रियान्वयन किया गया।
महाप्रभु के आशीर्वाद से हुआ संभव – मुख्यमंत्री
चारों द्वार खोले जाने के बाद पत्रकारों से बातचीत में मुख्यमंत्री मोहन माझी ने कहा कि महाप्रभु श्री जगन्नाथ जी के आशीर्वाद से राज्य में नयी सरकार बनी तथा उन्हीं के आशीर्वाद से ही श्रीमंदिर के चारों द्वार खोले गये। उन्होंने कहा कि वह और अन्य लोगों ने आज दर्शन करने के साथ-साथ श्रीमंदिर के भीतर व बाहर की स्थिति को देखा। श्रद्धालुओं को दर्शन में किसी प्रकार की दिक्कत न हो, इसके लिए सभी प्रकार के कदम उठाये जाएंगे। महाप्रभु के कार्य में किसी प्रकार की बाधा नहीं होगी।
वीवीआईपी नहीं, भक्तों के बीच दिखे नए सीएम
मुख्यमंत्री मोहन चरण माझी आज एक बार आम जनों के बीच दिखे। कल शपथ ग्रहण करने से पहले भी वह आम लोगों के बीच गये थे। आज सुबह श्रीमंदिर के सभी चारों कपाट खोले जाने के मौके पर भक्तों के बीच में वह रहे और महाप्रभु के दरवाजे पर पूजा-अर्चना कर आशीर्वाद दिया तथा भक्तों के साथ श्रीमंदिर में प्रवेश किया।
विहिप ने सभी कपाट खोने का किया स्वागत
विश्व हिंदू परिषद ने राज्य में भाजपा सरकार बनने के बाद वादे के मुताबिक श्रीमंदिर के चारों द्वार खोले जाने का स्वागत किया है। परिषद ने इसके लिए मुख्यमंत्री मोहन माझी और मंत्रिमंडल के अन्य सदस्यों को धन्यवाद दिया।
विश्व हिंदू परिषद के पूर्वी क्षेत्र के सह मंत्री गौरी प्रसाद रथ ने कहा कि श्रद्धालु लंबे समय से मांग कर रहे थे कि मंदिर के चारों दरवाजे खोले जाएं, लेकिन बीजद सरकार ने भक्तों की मांग को नहीं मानी। भाजपा ने चुनाव से पहले वादा किया था कि सरकार बनते ही मंदिर के चारों द्वारों को खोल दिये जाएंगे और यह वादा पूरा किया। रथ ने कहा कि भाजपा सरकार की पहली कैबिनेट में मंदिर की सुरक्षा और प्रबंधन के लिए 500 करोड़ रुपये के ‘कॉर्पस फंड’ की व्यवस्था की गई है। इसका भी विश्व हिंदू परिषद स्वागत करती है।