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ओडिशा सचिवालय में प्रतिबंध पर मीडियाकर्मियों का धैर्य टूटा

  • नये मुख्यमंत्री के प्रेस मीट के लिए जबरन सचिवालय में घुसे

  • कहा- बदल चुकी है सरकार, अधिकारियों को हैंगओवर से निकलना होगा

भुवनेश्वर। ओडिशा सचिवालय में प्रवेश को लेकर लगे प्रतिबंध पर आज मीडियाकर्मियों का धैर्य टूट गया और वे जबरन सचिवालय में प्रवेश कर गये।

आज नये मुख्यमंत्री मोहन चरण माझी के पहले संवाददाता सम्मेलन में शामिल होने के लिए मीडियाकर्मियों का हुजूम उमड़ पड़ा था। हालांकि 2019 में कोरोना काल के समय से ही सचिवालय का दरवाजा मीडिया कर्मियों के लिए बंद पड़ा था, लेकिन आज नई सरकार के गठन के बाद सूचना और जनसंपर्क विभाग ने सूचित किया कि आज शाम 7.30 बजे मुख्यमंत्री मीडिया को संबोधित करेंगे। ऐसी स्थिति में शपथ ग्रहण समारोह के बाद अच्छी खासी संख्या में पत्रकार, फोटोग्राफर और कैमरामैन सचिवालय पहुंचे। हालांकि गेट पर उनको रोकने की काफी कोशिश की गयी, लेकिन वे नहीं रूके। मुख्यमंत्री की गाड़ी के प्रवेश करते ही सभी मीडियाकर्मी एकजुट होकर जबरन अंदर घुसे। इसके बाद इसी तरह से सचिवालय भवन में भी उन्हें प्रवेश करने से सुरक्षाकर्मियों ने रोका। काफी बाताबाती के बाद एकजुट होकर सभी मीडियाकर्मी एक लंबी लाइन में जबरन अंदर घुस गये।

सचिवालय में मीडियाकर्मियों के प्रवेश पर लगायी गयी रोक से गुस्साए मीडियाकर्मियों ने सुरक्षाकर्मियों की एक भी बात नहीं सुनी और खरी-खोटी सुनाई। गुस्से में मीडियाकर्मियों ने कहा कि सरकार अब बदल चुकी है, ऐसी स्थिति में आपको हैंगओवर से निकलना होगा।

उल्लेखनीय है कि निवर्तमान नवीन पटनायक के नेतृत्व वाली बीजद सरकार ने अधिकांश मीडिया घरानों पर प्रतिबंध लगा दिया था। ऐसे पत्रकारों को लोकसेवा भवन (ओडिशा सचिवालय) के अंदर जाने की अनुमति दी गई। करीब चार साल तक पत्रकारों को सचिवालय के अंदर जाने की अनुमति नहीं थी।

इस दौरान पत्रकारों ने कहा कि हमें लगता है कि अब बेड़ियां खुल गई हैं और नई सरकार ने पहले दिन से ही लोकतंत्र के चौथे स्तंभ मीडिया के अधिकारों को बहाल करने की कोशिश की है। तभी उन्होंने सभी मीडियाकर्मियों को आमंत्रित किया।

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