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ओडिशा के मुख्य सचिव ने जिलाधिकारी को जांच के बाद कार्रवाई करने का निर्देश दिया
भुवनेश्वर। ओडिशा विधानसभा में बीजद की करारी हार के बाद पुरी में महाप्रभु श्री जगन्नाथ के मंदिर के सौंदर्यीकरण के लिए लगाईं गईं लाइंटें रातों-रात हटा दी गयी हैं। इससे स्थानीय लोगों में नाराजगी व्याप्त है। इस खबर की जानकारी मिलते ही ओडिशा के मुख्य सचिव प्रदीप कुमार जेना ने पुरी के जिलाधिकारी को इस मामले की जांच शुरू करने और इसमें शामिल लोगों के खिलाफ उचित कार्रवाई करने का निर्देश दिया है।
ओडिशा सरकार द्वारा शुरू की गई श्रीमंदिर परिक्रमा परियोजना के तहत श्रीमंदिर, बड़दांड और मेघनाद दीवार के सौंदर्यीकरण और रोशनी के लिए कई फोकस लाइटें लगाई गईं थीं।
हाल ही में संपन्न 2024 के आम चुनावों में बीजद की हार के बाद कंपनी ने कथित तौर पर रातों-रात लाइटें हटा दीं, जिससे भक्तों और स्थानीय निवासियों को भारी असुविधा हुई और उन्होंने अपनी नाराजगी व्यक्त की है। श्रीमंदिर के सेवायतों ने इस घटनाक्रम को लेकर प्रशासन की आलोचना की है।
मीडिया को दिये गये बयान में एक सेवायत ने कहा है कि बीजद सरकार महाप्रभु श्री जगन्नाथ के प्रति कोई श्रद्धा नहीं रखती थी और पुरी के निवासियों के प्रति कोई चिंता नहीं रखती थी। यह परियोजना एक छोटी राजनीति के कारण शुरू की गई। यही कारण हो सकता है कि रोशनी की व्यवस्था स्थायी रूप से नहीं की गई और बीजद सरकार के गिरने के तुरंत बाद इसे हटा दिया गया।
किराये पर लगी लाइटें
सूत्रों ने बताया कि ये लाइटें स्थायी रूप से नहीं लगाई गईं थीं, बल्कि एक इवेंट कंपनी ने इन्हें किराए पर लगाया था। हालांकि इसे लगाने के दौरान इस तरह की अस्थायी व्यवस्था के खिलाफ आवाज भी उठाई गई थी, लेकिन कथित तौर पर ऐसी दलीलों को नजरअंदाज कर दिया गया था।
लोगों के आक्रोश पर जांच का निर्देश
हालांकि, इस संबंध में जिला प्रशान और मंदिर प्रशासन की ओर से कोई प्रतिक्रिया नहीं मिल सकी थी, लेकिन लोगों के आक्रोश को देखते हुए ओडिशा के मुख्य सचिव प्रदीप कुमार जेना ने पुरी के जिलाधिकारी को इस मामले की जांच शुरू करने और इसमें शामिल लोगों के खिलाफ उचित कार्रवाई करने का निर्देश दिया है। जेना ने ट्वीट किया है कि मैंने कलेक्टर पुरी को इस मामले की जांच करने और इसमें शामिल लोगों के खिलाफ उचित कार्रवाई करने का निर्देश दिया है। सरकार के स्तर पर समस्या का स्थायी समाधान होने तक जल्द से जल्द रोशनी बहाल करने के लिए आगे के प्रयास किए जाएंगे।
लाइटें हटाने पर उठ रहे कई सवाल
बीजद की हार के बाद रातों-रात लाइटों को हटाने को लेकर कई तरह के सवाल उठने लगे हैं।
- क्या लाइटें श्रीमंदिर सौंदर्यीकरण परियोजना की हिस्सा नहीं थीं?
- स्थायी लाइट की व्यवस्था के बिना सौंदर्यीकरण कैसे संभव थी?
- यह व्यवस्था किस आधार पर और किसके निर्देश पर सौंदर्यीकरण परियोजना की हिस्सा बनी?
- क्या यह व्यवस्था किसी कंपनी को लंबे समय तक लाभ पहुंचाने के लिए की गयी थी?
- सौंदर्यीकरण परियोजना में ऐसी व्यवस्था के लिए कौन जिम्मेदार है?
- किसके निर्देश पर लाइटें हटाई गईं?