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बीजू जनता दल का किला धराशायी, राज्य में पहली बार डबल इंजन सरकार
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विधानसभा की 147 सीटों में से बीजद 49 पर सिमटी, भाजपा की झोली 80
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कांग्रेस को 14 सीटें, अन्य ने चार पर जमाया कब्जा
भुवनेश्वर। ओडिशा में लोकसभा के साथ हुए विधानसभा के चुनाव में मोदी की चली प्रचंड लहर में बीजू जनता दल (बीजद) धराशायी हो गयी है। राज्य में पहली बार डबल इंजन वाली सरकार बनने जा रही है। आज देर शाम सात बजे तक के आंकड़ों के अनुसार, ओडिशा विधानसभा की कुल 147 सीटों में से बीजू जनता दल 49 पर सिमटती नजर आयी। भाजपा की झोली 80 सीटें जा रही हैं, जबकि कांग्रेस को 14 सीटें मिलने वाली है और अन्य निर्दलीय 04 पर कब्जा जमाने जा रहे हैं।
सुबह से भी भाजपा को बढ़त
आज सुबह मतगणना की शुरुआत से ही राज्य विधानसभा के चुनाव में भारतीय जनता पार्टी को बढ़त मिलनी शुरू हो गयी थी और लगातार बढ़त बढ़ती गयी। शाम सात बजे तक चुनाव आयोग द्वारा दी गयी जानकारी के अनुसार, भाजपा को 24 सीटों पर जीत तथा 56 सीटों बढ़त मिली थी, जबकि बीजद को 18 सीटों पर जीत तथा 31 सीटों पर बढ़त मिली थी, जबकि कांग्रेस को 02 सीटों पर जीत तथा 12 बढ़त मिली थी। इसी तरह से कम्युनिस्ट पार्टी ऑफ इंडिया (मार्क्सिस्ट) सीपीआई (एम) 01 सीट पर आगे, निर्दलीय 03 सीटों पर बढ़त मिली थी।
24 सालों का नवीन पटनायक का गढ़ ढहा
देश की राजनीति में नवीन पटनायक को अपराजेय समझा जाता था। काफी कम बोलने वाले नवीन पटनायक ने जब से राजनीति में कदम रखा अपना प्रभाव कायम रखा। शुरू में वह पहले अटल सरकार में मंत्री रहे और उसके बाद लगातार 24 सालों से राज्य का बागडोर संभाले हुए थे, लेकिन इस बार लोगों के गुस्से व मोदी की सुनामी ने उनके किले को धराशायी कर दिया।
कई मंत्री भी हारे
2024 के चुनाव में खबर लिखे जाने तक उनके कई मंत्री भी हार का मुंह देख रहे थे, जबकि कुछ काफी मुश्किल से जीत के दरवाजे पर थे। राज्य सरकार में मंत्री अशोक चंद्र पंडा को भुवनेश्वर-एकाम्र सीट से पराजय का सामना करना पड़ा। भाजपा प्रत्याशी बाबू सिंह ने उन्हें पराजित किया। इसी तरह मंत्री अतनु सव्यसाची नायक भी 20 राउंड की गिनती तक 20 हजार से अधिक वोटों से पीछे चल रहे थे। राज्य के वित्त मंत्री विक्रम केसरी आरुख भी भंजनगर सीट से भाजपा प्रत्याशी प्रद्युम्न कुमार नायक से 17 राउंड की गिनती तक पीछे चल रहे थे। राज्य के मंत्री जगन्नाथ सारका विषम कटक विधानसभा क्षेत्र से कांग्रेस प्रत्याशी नीलमाधव हिकाका से 25 राउंड की गिनती के बाद पीछे चल रहे थे। मंत्री रणेन्द्र प्रताप स्वाईं भी 15 राउंड की गिनती के बाद भाजपा प्रत्याशी अभय बारिक से मामूली मतो से पीछे चल रहे थे। मंत्री सानंद मारांडी इस बार मयूरभंज लोकसभा सीट से भाग्य आजमा रहे थे। वहां भी उन्हें हार का मुंह देखना पड़ा है। मंत्री टुकुनी साहू को टिटिलागढ़ सीट से भाजपा प्रत्याशी नवीन जैन से पराजय का सामना करना पड़ा है।
राउरकेला सीट से मंत्री शारदा नायक अपनी सीट बचाने में समर्थ रहे हैं। चिकिटी सीट से मंत्री उषा देवी के बेटे चिन्मयानद श्रीरुप देव को बीजद ने प्रत्याशी बनाया था, लेकिन भाजपा प्रत्याशी मनोरंजन द्यान सामंतरा से वह 11 राउंड तक पीछे चल रहे थे।
मंत्री निरंजन पुजारी ने अपनी सीट बचायी
सोनपुर से मंत्री निरंजन पुजारी ने अपनी सीट बचा ली है। इसी तरह आली से मंत्री प्रताप केशरी देव भी चुनाव जीत गये हैं। मंत्री प्रदीप कुमार अमात भी बौध सीट से भाजपा प्रत्याशी से पराजित हो गये हैं। मंत्री राजेन्द्र ढोलकिया नुआपड़ा से व मंत्री अश्विनी पात्र जलेश्वर से अपनी सीट निकालने में सफल हुए हैं। मंत्री वासंती हेम्ब्रम करंजिया सीट से भाजपा प्रत्याशी पद्म चरण हाइबुरु से पराजित हो गये हैं। मंत्री प्रीतिरंजन घड़ेई सुकिंदा सीट से 8 राउंड की गिनती के बाद पीछे चल रहे थे। मंत्री श्रीमती रीता साहू बिजेपुर सीट से भाजपा प्रत्याशी सनत गरतिया से पराजित हो गयी हैं। मंत्री तुषारकांति बेहरा काकटपुर सीट से 19 राउंड की गिनती के बाद आगे चल रहे थे।