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महाप्रभु के चरणों में भाजपा प्रवक्ता ने मांगी क्षमा
भुवनेश्वर। पुरी लोकसभा सीट से भाजपा के प्रत्याशी तथा पार्टी के राष्ट्रीय प्रवक्ता डा संबित पात्र की एक भूल के बाद घमासान मच गया है। हालांकि उन्होंने मुंह से गलती से भगवान जगन्नाथ के संबंध में निकल गये शब्दों के कारण भगवान के श्री चरणों में क्षमायाचना की है। साथ ही वह इस गलती के प्रायश्चित के लिए तीन दिन उपवास रखेंगे।
इससे पहले भगवान जगन्नाथ पर दिए इस बयान के बाद वह विरोधियों के निशाने पर आ गए। ओडिशा के मुख्यमंत्री नवीन पटनायक ने संबित पात्र के इस बयान पर कहा है कि महाप्रभु श्री जगन्नाथ ब्रह्मांड के भगवान हैं। महाप्रभु को किसी अन्य इंसान का ‘भक्त’ कहना भगवान का अपमान है। इससे भावनाओं को ठेस पहुंची है।
संबित पात्र के बयान पर पटनायक ने कहा कि भगवान ओड़िया अस्मिता के सबसे बड़े प्रतीक हैं। मैं इस बयान की कड़ी निंदा करता हूं और मैं भाजपा से अपील करता हूं कि वह भगवान को किसी भी राजनीतिक चर्चा में शामिल न करे। ऐसा करके आपने ओड़िया अस्मिता को गहरी चोट पहुंचाई है और इसे ओडिशा के लोग लंबे समय तक याद रखेंगे।
पात्र ने कहा था…
पात्र ने कहा कि प्रधानमंत्री के रोड शो के बाद वह कल मीडियाकर्मियों से बात कर रहे थे। वह सभी चैनलों को एक के बाद एक बयान दे रहे थे कि प्रधानमंत्री मोदी भगवान श्री जगन्नाथ के परम भक्त हैं, लेकिन एक टीवी चैनल से बात करते हुए उनके मुंह से इसके बिल्कुल उलटी बात निकल गयी। इससे महाप्रभु के करोड़ों भक्तों के विश्वास पर आघात लगा है। इस कारण वह भगवान के श्री चरणों में क्षमायाचना कर रहे हैं तथा इस गलती के प्रायश्चित के लिए तीन दिन तक उपवास करेंगे।
कभी-कभी फिसल जाती है जुबान
पात्र ने मुख्यमंत्री के पोस्ट पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि हम सभी की जुबान कभी-कभी फिसल जाती है। उन्होंने कहा कि पुरी में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जी के रोड शो की भारी सफलता के बाद मैंने कई मीडिया चैनलों को कई बयान दिए, हर जगह मैंने उल्लेख किया कि मोदी जी श्रीजगन्नाथ महाप्रभु के परम ‘भक्त’ हैं।’
संबित पात्र को पार्टी से निकालें प्रधानमंत्री – कांग्रेस
कांग्रेस प्रवक्ता पवन खेड़ा ने पुरी से भाजपा के प्रत्याशी डा संबित पात्र द्वारा दिये गये बयान के बाद प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से उन्हें पार्टी से निकालने की मांग की है। उन्होंने सोशल मीडिया एक्स पर कहा कि अगर संबित पात्र कांग्रेस पार्टी में होते तो यूं भगवान जगन्नाथ के करोड़ों भक्तों की आस्था से खिलवाड़ करने पर तुरंत पार्टी से बाहर निकाल दिये जाते। प्रधानमंत्री जी, हिम्मत दिखाइए और संबित पात्र को पार्टी से बाहर निकालिए और देश विदेश में सृष्टि के रचयिता भगवान जगन्नाथ के करोड़ों भक्तों से स्वयं माफ़ी माँगिये।