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ओडिशा में दूसरे चरण के विस चुनाव में 80% तक उम्मीदवारों पर आपराधिक मामले

  • एडीआर ने अपनी रिपोर्ट में किया दावा

  • कहा – यह सुप्रीम कोर्ट के निर्देश का है उल्लंघन

भुवनेश्वर। ओडिशा में प्रमुख राजनीतिक दलों ने दूसरे चरण के विधानसभा चुनाव में 26% से 80% तक ऐसे उम्मीदवारों को टिकट दिया है, जिन्होंने अपने खिलाफ आपराधिक मामले घोषित किए हैं। यह इस बात का खुलासा ओडिशा इलेक्शन वॉच और एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स (एडीआर) ने आज अपनी रिपोर्ट में करते हुए कहा कि यह सुप्रीम कोर्ट के निर्देश का उल्लंघन है।

एडीआर के अनुसार, सुप्रीम कोर्ट ने अपने निर्देशों में राजनीतिक दलों को विशेष रूप से निर्देश दिया था कि वे ऐसे चयन के लिए कारण बताएं और यह भी बताएं कि बिना आपराधिक पृष्ठभूमि वाले अन्य व्यक्तियों को उम्मीदवार के रूप में क्यों नहीं चुना जा सकता है। इन अनिवार्य दिशानिर्देशों के अनुसार, ऐसे चयन का कारण संबंधित उम्मीदवार की योग्यता, उपलब्धियों और योग्यता के संदर्भ में होना चाहिए।

टिकट देते समय आधारहीन कारण दिखाए

एडीआर ने अपनी रिपोर्ट में दावा करते हुए कहा है कि सुप्रीम कोर्ट के निर्देशों के खिलाफ पार्टियों ने गंभीर आपराधिक पृष्ठभूमि वाले अपने उम्मीदवारों को टिकट देते समय आधारहीन कारण दिखाए।

14 निर्वाचन क्षेत्र रेड अलर्ट निर्वाचन क्षेत्र

ओडिशा में दूसरे चरण के चुनाव में 35 में से 14 निर्वाचन क्षेत्र रेड अलर्ट निर्वाचन क्षेत्र हैं, जिसका अर्थ है कि तीन या अधिक उम्मीदवारों के खिलाफ आपराधिक मामले हैं।

ओडिशा विधानसभा चुनाव के दूसरे चरण में 35 निर्वाचन क्षेत्रों में कुल 265 उम्मीदवार मैदान में हैं। उनके स्व-शपथ हलफनामों के अनुसार, 265 में से 87 (33%) उम्मीदवारों ने अपने खिलाफ आपराधिक मामले घोषित किए हैं।

26% उम्मीदवारों पर गंभीर आपराधिक मामले

कम से कम 70 (26%) उम्मीदवारों ने अपने खिलाफ गंभीर आपराधिक मामले घोषित किए हैं, जबकि पांच हत्या के आरोपों का सामना कर रहे हैं।

11 उम्मीदवार महिलाओं के खिलाफ अपराध में शामिल

एडीआर ने अपनी रिपोर्ट में दावा करते हुए कहा है कि कम से कम 11 ऐसे उम्मीदवार हैं, जो कथित तौर पर महिलाओं के खिलाफ हुए अपराध में शामिल हैं।

भाजपा के 35 में से 20 ने ऐसी घोषणा की

एडीआर ने अपनी रिपोर्ट में दावा करते हुए कहा है कि भाजपा के 35 में से 20 (57%), कांग्रेस के 33 में से 12 (36%), बीजद के 35 में से 8 (23%) और आप के 10 में से 2 (20%) उम्मीदवार ऐसे हैं, जिन्होंने अपने हलफनामे में अपने खिलाफ गंभीर आपराधिक मामले दर्ज होने की घोषणा की है।

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