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एडीआर ने एक रिपोर्ट जारी कर किया दावा
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16% उम्मीदवारों ने अपने खिलाफ गंभीर आपराधिक मामले घोषित किए
भुवनेश्वर। ओडिशा में लोकसभा चुनाव के पहले चरण के लिए मैदान में उतरे 37 उम्मीदवारों में से सात (19 प्रतिशत) ने घोषणा की है कि उनके खिलाफ आपराधिक मामले लंबित हैं।
एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स (एडीआर) ने शनिवार को जारी एक रिपोर्ट में कहा कि छह (16%) उम्मीदवारों ने अपने खिलाफ गंभीर आपराधिक मामले घोषित किए हैं।
ओडिशा इलेक्शन वॉच और एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स (एडीआर) ने उन सभी 37 उम्मीदवारों के स्व-शपथ पत्रों का विश्लेषण किया, जो 13 मई को पहले चरण में ओडिशा के चार निर्वाचन क्षेत्रों में चुनाव लड़ रहे हैं।
एडीआर ने 37 लोकसभा उम्मीदवारों के आपराधिक, वित्तीय और अन्य पृष्ठभूमि विवरण का विश्लेषण किया है। ब्रह्मपुर, नवरंगपुर, कलाहांडी और कोरापुट संसदीय सीटों और इन निर्वाचन क्षेत्रों के तहत 28 विधानसभा सीटों के मतदाता 13 मई को एक साथ मतदान में भाग लेंगे।
सबसे अधिक भाजपा उम्मीदवारों पर मामले
विश्लेषण के अनुसार दावा किया गया है कि भाजपा के 75 प्रतिशत उम्मीदवार आपराधिक मामलों में मुकदमे का सामना कर रहे हैं, चार संसदीय क्षेत्रों में चुनाव लड़ रहे बीजद के 50 प्रतिशत और कांग्रेस के 25 प्रतिशत उम्मीदवारों के खिलाफ आपराधिक मामले लंबित हैं।
38 प्रतिशत उम्मीदवार 5 से 12 पास
इसी तरह, 14 (38 प्रतिशत) उम्मीदवारों ने अपनी शैक्षणिक योग्यता कक्षा 5 से 12वीं उत्तीर्ण होने की घोषणा की है, जबकि 22 (59 प्रतिशत) उम्मीदवारों ने घोषणा की है कि वे स्नातक हैं। एक प्रत्याशी ने खुद को सिर्फ साक्षर बताया है। 37 उम्मीदवारों में से केवल सात महिलाएं हैं।
27 प्रतिशत उम्मीदवारों की आयु 25 से 40 वर्ष के बीच
इसके अलावा, 10 (27 प्रतिशत) उम्मीदवारों ने अपनी आयु 25 से 40 वर्ष के बीच घोषित की है, जबकि 23 (62 प्रतिशत) उम्मीदवार 41 से 60 वर्ष की आयु के हैं। चार (11 फीसदी) उम्मीदवार ऐसे हैं, जिनकी उम्र 61 से 70 साल के बीच है।