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श्री मंदिर संचालन कमेटी की बैठक के बाद राज्य सरकार को भेजी सिफारिश
विष्णुदत्त दास, पुरी
भगवान श्री जगन्नाथ जी की विश्वप्रसिद्ध रथयात्रा की तैयारियां अब जोरों पर कल से शुरू होने की उम्मीद गजपति महाराज ने जतायी है. रथों के निर्माण कार्य में करीब दो महीने का समय लगता है. अक्षय तृतीया से सभी विधि श्री मंदिर में की जा रही है, लेकिन रथों का निर्माण नहीं हो रहा है. इस वजह से श्री मंदिर संचालन कमेटी की महत्वपूर्ण कार्यकारिणी बैठक आज वीडियो कांफ्रेंस के माध्यम से भुवनेश्वर व पुरी में संयुक्त रूप से की गई.
भुवनेश्वर में कमेटी के अध्यक्ष गजपति महाराज दिव्य सिंहदेव, श्री मंदिर के मुख्य प्रशासक डॉक्टर किशन कुमार, पुरी में जिलाधिकारी बलवंत सिंह, कमेटी के सदस्य जिला आरक्षी अधीक्षक उमाशंकर दास, सदस्य रामचंद्र दास महापात्र, सिद्धेश्वर महापात्र, माधव महापात्र, माधव पूजा पंडा, बाबा सच्चिदानंद दास जी महाराज प्रमुख उपस्थित रहे. इस दौरान लिये गये कमेटी के निर्णय को राज्य सरकार के पास लिखित रूप से भेज दिया गया है. केंद्र व राज्य सरकार के वर्तमान नियमों के आधार पर ग्रीन जोन, ऑरेंज जोन और रेड जोन में निर्माण कार्य किए जा सकते हैं, लेकिन कोई धार्मिक कार्य नहीं किए जाएंगे. इस नियमों के आधार पर अब पुरी ग्रीन जोन में है.
यहां पर निर्माण कार्य किए जाएंगे. रथ निर्माण कोई धार्मिक कार्य नहीं है. निर्माण कार्य स्वाभाविक निर्माण कार्य ही है. इसीलिए कोई रुकावट नहीं है. उम्मीद है कि कमेटी के निर्णय के बाद मंगलवार तक राज्य सरकार अपना फैसला लेगी. इस बैठक में अध्यक्षता कर रहे गजपति महाराज ने कहा कि रथयात्रा एक धार्मिक कार्य है, लेकिन रथों का निर्माण धार्मिक कार्य नहीं है. स्वभाविक निर्माण कार्य है और निर्माण कार्य अब कहीं रोकने की बात केंद्र व राज्य सरकार की गाइडलाइन में नहीं है. इस नियमों का सम्मान करते हुए निर्माण होगा. अगर रथ बन जाता है, तभी रथयात्रा आयोजित हो पाएंगी. पांच जून को देव स्नान है.
रथयात्रा 23 जून को आयोजित होगी. 17 मई के बाद 18 को केंद्र सरकार जो गाइडलाइन सूची जारी करेगी, इसको देखते हुए यात्रा होगी कि आम जनता की रक्षा के लिए बंद करना पड़ेगा, यह निर्णय संपूर्ण रूप से राज्य सरकार का होगा. उस समय की परिस्थिति को देखते हुए निर्णय सरकार लेगी, उसको हम सब पालन करेंगे. आज की बैठक सिर्फ रथों के निर्माण के बारे में चर्चा की गयी. निर्माण में कोई क़ानूनी दुविधा नहीं है. निर्माण के समय सामाजिक दूराव की रक्षा करते हुए सुरक्षित ढंग से निर्माण कार्य जारी रहेगा. बगैर पहचान पत्र के निर्माण स्थल पर किसी को भी अनुमति नहीं होगी.