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चेक क्लोनिंग के जरिए जिला परिषद, मयूरभंज के खाते से पैसे किये ट्रांसफर
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ईओडब्ल्यू ने मामले को सुलझाया, बड़ा गिरोह है शामिल
भुवनेश्वर। आर्थिक अपराध शाखा (ईओडब्ल्यू) भुवनेश्वर ने बैंक ऑफ इंडिया के 9.6 करोड़ रुपये के चेक क्लोनिंग मामले में एक घोटालेबाज को पकड़ने में कामयाबी हासिल की है। आरोपी की पहचान पोमेश टेंभारे के रूप में की गयी है। उसको 26 अप्रैल को मध्य प्रदेश के एक गांव से गिरफ्तार किया गया है और उसे सोमवार को बालेश्वर में ओपीआईडी अधिनियम के तहत नामित अदालत में पेश किया गया।
इससे पहले, ईओडब्ल्यू ने मयूरभंज में भंजपुर पुलिस से मामला ग्रहण किया था। इसमें बारिपदा में बैंक ऑफ इंडिया के मुख्य प्रबंधक ने जिला परिषद, मयूरभंज के जिला खनिज फाउंडेशन ट्रस्ट के खाते से 9,56,76,600 रुपये के अवैध लेनदेन का आरोप लगाया था। यह लेनदेन 10 अप्रैल और 18 अप्रैल, 2024 के बीच चार चेक के माध्यम से किया गया था।
जांच के दौरान पता चला कि जिला परिषद, मयूरभंज का बचत खाता जिला खनिज फाउंडेशन ट्रस्ट के नाम से बैंक ऑफ इंडिया, बारिपदा शाखा में है।
मीडिया को दिये गये बयान में ईओडब्ल्यू के वरिष्ठ अधिकारियों ने कहा कि कुछ जालसाजों ने जाली क्लोन चेक बनाकर बैंक ऑफ महाराष्ट्र में पीटी कंस्ट्रक्शन एंड सप्लायर और पंजाब एंड सिंध बैंक में एसके एंटरप्राइजेज के नाम पर दो अलग-अलग खातों में कुल 9,56,76,600 रुपये ट्रांसफर करने में कामयाबी हासिल की।
बताया गया है कि रकम को पीटी कंस्ट्रक्शन एंड सप्लायर और एसके एंटरप्राइजेज के खातों से कई अन्य खातों में स्थानांतरित कर दिया गया। अवैध रूप से हस्तांतरित राशि में से 5,04,06,900 रुपये को ब्लॉक कर दिया गया और 33 खातों में पड़े 13,56,948 रुपये को फ्रीज कर दिया गया है।
जालसाज का चौंकाने वाला विवरण
अधिकारियों ने बताया कि आरोपी पोमेश टेंभरे को पीटी कंस्ट्रक्शन एंड सप्लायर्स का मालिक और हस्ताक्षरकर्ता प्राधिकारी पाया गया है, जिसमें 2.68 करोड़ रुपये से अधिक अवैध रूप से स्थानांतरित किए गए थे। इस राशि में से गिरफ्तार अभियुक्त ने हस्ताक्षरकर्ता प्राधिकारी होते हुए स्व-निकासी के अलावा कई अन्य खातों में भी राशि हस्तांतरित की थी।
घटना के बाद आरोपी अपना मोबाइल फोन बंद कर नक्सल प्रभावित गांव में छिपा हुआ था। ईओडब्ल्यू की टीम ने स्थानीय पुलिस और सीएपीएफ की मदद से आरोपी को गिरफ्तार कर लिया।
बड़ा गिरोह शामिल
गिरफ्तार आरोपी छत्तीसगढ़, मध्य प्रदेश, झारखंड, पश्चिम बंगाल और ओडिशा में जटिल नेटवर्क वाले एक बड़े गिरोह का सदस्य है। इस गिरफ्तारी के बाद ईओडब्ल्यू को पूरे गिरोह के बारे में अहम सुराग मिले हैं। वे पिछले 4 वर्षों से योजनाबद्ध और सावधानीपूर्वक तरीकों के माध्यम से चेक क्लोनिंग से लेकर धन हस्तांतरण करके, कई बैंक खातों का निर्माण और संचालन, धन की निकासी, सूचना नेटवर्क, स्थानीय दलालों आदि के माध्यम से ये घोटाले कर रहे हैं।