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यूरोप मेट मॉडल ने की भविष्यवाणी
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13 म्यांमार में करेगा लैंडफाल
भुवनेश्वर. इस साल का चक्रवात अंफान विकराल रूप धारण करेगा. यूरोप मेट माडल ने की घोषणा की है कि एक मई को बंगाल की दक्षिण पूर्व खाड़ी से सटे इलाके तथा दक्षिण अंडमान समुद्र के ऊपर बना कम दबाव का क्षेत्र एक बहुत ही गंभीर चक्रवात का रूप धारण करेगा. हालांकि इस चक्रवात के उग्र रूप धरने की गति तीव्र नहीं है. इससे पहले संभावना जतायी गयी थी कि पांच से सात के बीच में यह लैंडफाल करेगा, लेकिन अभी यह समय ले रहा है. कई अंतर्राष्ट्रीय मेट मॉडल इसके एक बहुत ही गंभीर चक्रवाती तूफान का रूप धारण करने की घोषणा कर रहे हैं. नवीनतम भविष्यवाणी यह है कि विकासशील चक्रवात लगभग 13-14 मई को लैंडफाल करेगा.
क्षेत्रीय विशिष्ट मौसम विज्ञान केंद्र के अनुसार- उष्णकटिबंधीय चक्रवात, नई दिल्ली के अनुसार एक मई को बंगाल की दक्षिण पूर्व खाड़ी से सटे इलाके तथा दक्षिण अंडमान समुद्र के ऊपर कम दबाव का क्षेत्र बन गया है. इस गंभीरता को लेकर स्पष्ट रूप से कुछ कहा नहीं जा सकता है. इस क्षेत्र में हवा की गति में मामूली वृद्धि हो सकती है. बताया जाता है कि गर्मी स्थिति की स्थिति चक्रवातीय स्थिति को विकराल रूप धारण करने में मदद करती है. बंगाल की खाड़ी में भी समुद्र की सतह का तापमान 30-31 डिग्री सेल्सियस के आसपास है, जो गर्मियों के दौरान सामान्य तापमान की तुलना में 28 डिग्री सेल्सियस अधिक है.
यूरोपियन सेंटर फॉर मीडियम रेंज वेदर फोरकास्ट के अनुसार, लोपर बहुत ही भयंकर चक्रवाती तूफान में विकसित करने में मदद करेगा. यह सबसे पहले उत्तर आंध्र और दक्षिण ओडिशा की ओर बढ़ेगी. बाद में उत्तर की ओर मुड़कर 13 मई को म्यांमार में लैंडफाल कर सकता है.
यूएस-आधारित जीएफएस भी इससे सहमत है. इसका कहना है कि शुरू में आंध्र-ओडिशा के तटों की ओर बढ़ने के बाद 13 मई को म्यांमार की ओर फिर से मुड़कर लैंडफाल करेगा. इस भविष्यवाणी से इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ ट्रॉपिकल मीटिरोलॉजी, पुणे और नेशनल सेंटर फॉर मीडियम रेंज वेदर फोरकास्टिंग भी सहमत हैं. इनका मॉडल दिखाते हैं कि यह भारतीय तटों (उत्तर आंध्र-दक्षिण ओडिशा) की ओर शुरू में 12 मई बढ़ेगा और फिर 13 मई को म्यांमार में लैंडफॉल बनाने के लिए उत्तर और उत्तर पूर्व की ओर मुड़ जायेगा.