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जिला प्रशासन के कार्य से असंतुष्टि की दूसरी घटना आई सामने
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नीलीयाबाग कांटेंमेंट जोन के लोग प्रदर्शन पर उतरे
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जिला प्रशासन पर सटिक निर्णय नहीं लेने का आरोप
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लोग दोगुनी कीमत पर खराब सब्जियां लेने को मजबूर
गोविंद राठी, बालेश्वर
शहर के नीलीयाबाग कंटेंटमेंट जोन की तय सीमा शनिवार रात खत्म होने से पहले ही जिलाधिकारी ने तीसरी बार इसकी मियाद बढ़ा दी है. अब यहां आने वाली नौ तारीख की रात्रि तक यह अंचल को कंटेंटमेंट जोन के रूप में घोषित कर दिया गया है. जिलाधिकारी के कार्यालय से जारी विज्ञप्ति के अनुसार, हाल ही में पांच नए कोरोना से संक्रमित व्यक्तियों की पहचान के बाद इस कंटेंटमेंट के लोगों की सुरक्षा को देखते हुए इसकी मियाद बढ़ा दी गयी है. मगर आज सुबह इस अंचल में एक दूसरा ही नजारा देखने को मिला. कंटेंटमेंट जोन के रानीपटना की तरफ इस अंचल के कुछ लोग बाउंड्री के पास आकर नारे लगाने लगे एवं धीरे-धीरे स्थिति तनाव पूर्ण होने लगी. वहां मौजूद पुलिस बलों ने तुरंत इस घटना की खबर आला अधिकारियों को दी. इसकी खबर मिलते ही उपजिलाधिकारी नीलू महापात्र एवं सिटी डीएसपी मनोज राउत मौके पर पहुंचे. उन्होंने प्रदर्शन कर रहे लोगों से बातचीत की. इस दौरान मालूम पड़ा कि इस अंचल में रह रहे लोग जिला प्रशासन के रवैये से काफी नाराज हैं. पिछले 14 दिनों से यह एरिया सील होने के कारण लोगों को जरूरत की सामग्री मुहैया करवाई जा रही है. लोगों ने आरोप लगाया कि अंचल में जो सब्जी वाला सब्जी देने आता हैं, वे सब्जियां काफी सड़ी होती हैं एवं बाजार से इनका मूल्य दोगुना ज्यादा रहता है. इसके अलावा जिलाधिकारी के आदेश पर कंटेंटमेंट के चिड़ियापुल गेट पर ही लोगों को जरूरत के सामान मुहैया करवाया जाता है.
लोगों का कहना है कि जब हमारे अंचल में आने-जाने के प्रवेश पर ही निषेध है तो हमें रानीपटना गेट पर भी सामान क्यों नहीं दिया जाता है. जिन लोगों का घर रानीपटना की ओर है, उन्हें पैदल ही एक से डेढ़ किलोमीटर की दूरी तय करनी पड़ती है. आफत तो तब आती है जब बड़े बुजुर्गों को भी पैदल यह दूरी तय करनी पड़ती है. स्थानीय लोगों ने जिलाधिकारी के इस रवैए पर काफी रोष प्रकट करते हुए उन्हें वास्तविक परिस्थितियों का आंकलन कर निर्णय लेने के लिए निवेदन भी किया.
इसके अलावा प्रदर्शन कर रहे लोगों ने बताया कि जिन घरों में मरीज हैं, उनकी भी नियमित चिकित्सा नहीं हो पा रही है. इस कारण उन्हें काफी भयभीत मौहल में रहना पड़ रहा है. काफी देर तक चली बातचीत के बाद आला अधिकारियों ने इस समस्या का समाधान जल्द किये जाने का आश्वासन दिया, तब जाकर प्रदर्शन हटा. साथ ही लोगों ने मांग की कि जब रानीपटना अंचल की तरफ के लोगों का स्वाब टेस्ट ही नहीं किया जा रहा है, तो कंटेंटमेंट जोन की सीमा भी कम कर दी जाए.
मालूम हो कि इससे पहले भी नीलगिरि अंचल के कंटेंटमेंट जोन में भी स्थानीय लोगों ने जरूरत की सामग्री की बाजार से दोगुनी कीमत होने पर प्रदर्शन पर उतर आए थे एवं इसका सीधा आरोप जिला प्रशासन के रवैए पर लगाया था.
शहर के बुद्धिजीवियों का मानना है कि कंटेंटमेंट जोन में रह रहे लोगों को जहां सामान काफी सटिक मूल्य में उपलब्ध करवाना चाहिए, वहां इतनी अधिक कीमत वसूलना काफी दुर्भाग्यपूर्ण है. इसके अलावा जिला प्रशासन के अधिकारियों को अंचल के लोगों की वास्तविक समस्या से रूबरू होकर निर्णय लेना चाहिए. जिला प्रशासन को इस मामले की जांच कर इसका जल्द समाधान निकालना चाहिए.