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इस वर्ष से शुरू होंगे कुछ उड़ान परीक्षण
बालेश्वर। रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन (डीआरडीओ) ने ओडिशा के बाद अब पश्चिम बंगाल के मेदिनीपुर जिले के जुनपुट में एक परीक्षण केंद्र स्थापित किया है। यह जानकारी यहां जारी एक प्रेस विज्ञप्ति में दी गई है।
बताया गया है कि रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन (डीआरडीओ) ने शुरुआत से ही भूमि, वायु, समुद्र, अंतरिक्ष और साइबर के रक्षा और सुरक्षा डोमेन में अत्याधुनिक सेंसर, हथियार प्रणाली, प्लेटफॉर्म और संबद्ध उपकरणों के डिजाइन और विकास का लक्ष्य रखा है।
डीआरडीओ का यह मिशन और विजन हथियार प्रणालियों के समय पर परीक्षण के बिना अधूरा है।
राष्ट्र को आजमाई हुई और परखी हुई हथियार प्रणाली से लैस करने के इसके समर्पण के अनुरूप पश्चिम बंगाल के मेदिनीपुर जिले में जुनपुट में एक परीक्षण सुविधा केंद्र स्थापित की गई है।
जानकारी के अनुसार, पश्चिम बंगाल के तटीय क्षेत्र में स्थित यह साइट 8.73 एकड़ भूमि में फैली है और अपेक्षित सुरक्षा सीमाएं भी सुनिश्चित करती है। संबंधित उद्देश्य के लिए भारत और पश्चिम बंगाल सरकार द्वारा अनुशंसित, परीक्षण स्थल को तटीय विनियमन क्षेत्र और पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय से अनुमोदन प्राप्त है। इसके अलावा, साइट को डीआरडीओ के सेंटर फॉर फायर, एक्सप्लोसिव एंड एनवायरनमेंट सेफ्टी (सीएफईईएस) से परीक्षण करने के लिए उपयुक्त माना जाता है। इस वर्ष सभी अपेक्षित सुरक्षा आवश्यकताओं को सुनिश्चित करने वाले डीआरडीओ के एकीकृत परीक्षण रेंज (आईटीआर) के साथ कुछ उड़ान परीक्षणों की परिकल्पना की गई है। कहा गया है कि किसी भी उड़ान परीक्षण के दौरान डीआरडीओ हमेशा मानव और प्रकृति की सुरक्षा और शांति को सर्वोच्च प्राथमिकता पर रखता है। परीक्षण स्थल के आसपास रहने वाले सभी लोग स्वतंत्र रूप से अपनी दैनिक गतिविधियां कर सकते हैं। इसके अलावा, डीआरडीओ यह सुनिश्चित करता है कि इस तरह के परीक्षण या परीक्षण किसी भी तरह से इसके आसपास रहने वाले लोगों, विशेषकर मछुआरों और किसानों के जीवन को प्रभावित नहीं करेंगे