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पश्चिमी ओडिशा कई राजनीतिक विरासत दांव पर

  •  लगभग सभी दलों ने दिग्गज नेता के बेटे को चुनावी मैदान में उतारा

  • पिता की राजनीतिक विरासत को आगे बढ़ाने का मौका दिया

  •  कुछ पहले भी लड़ चुके हैं चुनाव

भुवनेश्वर। पश्चिमी ओडिशा में 2024 के आम चुनाव के युद्ध के मैदान में कई राजनीतिक विरासत दांव पर लगी है। लगभग सभी प्रमुख राजनीतिक दलों ने कई दिग्गज नेता के बेटे को चुनावी मैदान में उतारा है। ओडिशा में सत्तारूढ़ बीजू जनता दल (बीजद), प्रमुख विपक्षी दल भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) तथा कांग्रेस ने इस बार पश्चिम ओडिशा में नुआपड़ा, कलाहांडी और बलांगीर में इन बेटों को अपने पिता की राजनीतिक विरासत को आगे बढ़ाने का मौका दिया है।

कांग्रेस के वरिष्ठ नेता नरसिंह मिश्र के राजनीति से संन्यास लेने की घोषणा के बाद पार्टी ने उनके बेटे समरेंद्र मिश्र को बलांगीर विधानसभा सीट से विधायक उम्मीदवार के रूप में मैदान में उतारा है। हालांकि उन्होंने पहले बलांगीर लोकसभा सीट से पार्टी के सांसद उम्मीदवार के रूप में चुनाव लड़ा था।

इसी तरह, पांच बार के विधायक जोगेंद्र बेहरा के बेटे निहार रंजन बेहरा को बीजद ने लोईसिंघा विधानसभा सीट से मैदान में उतारा है, जबकि अनुभवी भाजपा नेता और कलाहांडी के मौजूदा सांसद बसंत पंडा के बेटे अभिनंदन पंडा को नुआपड़ा विधानसभा सीट से अपनी राजनीतिक किस्मत आजमाने का मौका दिया गया है। नुआपड़ा विधानसभा सीट से बीजद सरकार के मंत्री राजेंद्र ढोलकिया और ओडिशा कांग्रेस प्रमुख शरत पटनायक भी मैदान में हैं।

कांग्रेस नेता समरेंद्र मिश्र ने कहा कि मुझे बलांगीर में विकास को आगे बढ़ाने का मौका मिला है।

भाजपा नेता अभिनंदन पंडा ने कहा कि हमने लोगों के लिए काम किया है। मुझे विश्वास है कि लोग भाजपा को वोट देंगे।

बीजद नेता निहार रंजन बेहरा ने कहा कि मेरे पिता पांच बार विधायक रहे और मैंने राजनीति के बारे में बहुत कुछ सीखा है। उनके पुराने समर्थक यहां हैं और हमारी मदद के लिए आएंगे।

बीजद के दिग्गज नेता एयू सिंहदेव के राजनीति से संन्यास लेने के बाद उनके बड़े बेटे और दो बार के सांसद कलिकेश सिंहदेव को बलांगीर विधानसभा सीट से बीजद का टिकट दिया गया है। कलिकेश ने कहा कि हम अपना विकास कार्य जारी रखेंगे और बीजद बलांगीर में जीत हासिल करेगा।

इसी तरह, कांग्रेस ने भवानीपाटणा विधानसभा सीट पर पूर्व केंद्रीय मंत्री भक्त दास के बेटे सागर दास को मैदान में उतारा है। उन्होंने 2019 में भी इसी सीट से चुनाव लड़ा था, लेकिन असफल रहे थे। कांग्रेस नेता सागर दास ने कहा कि मैं कलाहांडी के लोगों के लिए अपनी लड़ाई जारी रखूंगा।

इसी तरह से तत्कालीन स्वास्थ्य मंत्री नवकिशोर दास की बेटी दीपाली दास को बीजद ने झारसुगुड़ा विधानसभा सीट से फिर मैदान में उतारा है। इससे पहले दीपाली दास ने अपने पिता की हत्या के बाद हुए उपचुनाव में जीत हासिल कर चुकी हैं।

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