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रथयात्रा के आयोजन पर स्पष्ट निर्णय नहीं होने के कारण नहीं हो रहा है तीनों रथों का निर्माण
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रथयात्रा आयोजन को लेकर जगतगुरू शंकराचार्य से मिले सेवायत
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तीन मई के बाद सरकार के फैसले को देखते हुए फिर होगी बैठक
विष्णु दत्त दास, पुरी
महाप्रभु श्री जगन्नाथ की रथयात्रा के लिए रथों का निर्माण सिर्फ विधि तक ही सिमट कर रह गया है. अक्षय तृतीया के दिन सिर्फ विधि रक्षा के लिए श्री मंदिर परिसर में रथों का निर्माण कार्य शुरू हुआ है, लेकिन वास्तव में रथों का निर्माण अब तक नहीं हो रहा है. अगर तीन तारीख को कोरोना को लेकर जारी लाकडाउन की पाबंदी खत्म होती है और राज्य सरकार अनुमति देती है तब जाकर रथों का निर्माण होगा, क्योंकि कोरोना को लेकर जो कठिन परिस्थितियां उत्पन्न हुई हैं, उसमें कुछ भी स्पष्ट नहीं दिख रहा है कि रथयात्रा का आयोजन होगा या नहीं.
हालांकि जगतगुरु शंकराचार्य स्वामी श्री निश्चलानंद सरस्वती जी के मार्गदर्शन पर अक्षय तृतीया के दिन की विधि की रक्षा तो हो गयी, लेकिन रथयात्रा को निकाले जाने को लेकर अब तक कोई नहीं निर्णय हो पाया है, इसे लेकर पूरा निर्णय सरकार के लाकडाउन की अवधि बढ़ाने या खत्म करने के फैसले पर टिका है. सरकार भी कुछ स्पष्ट निर्णय नहीं ले पा रही है.
इस बीच पुरी गोवर्धन पीठ परिसर में जगतगुरु शंकराचार्य स्वामी श्री निश्चलानंद सरस्वती जी से मिलकर श्री मंदिर के दैतापति नियोग के सदस्यों ने विश्व प्रसिद्ध रथयात्रा-2020 के आयोजन पर मंडरा रहे संकट के बारे में विस्तृत चर्चा की. इस दौरान जगतगुरु से निवेदन किया गया कि वह मार्गदर्शन करें कि किस तरह कोरोना के चलते उत्पन्न हुई इस कठिन परिस्थिति में रथयात्रा आयोजित की जाये.
जगतगुरु ने कहा कि तीन मई तक कोरोना के लिए लगी पाबंदी हटने पर सरकार क्या विचार करती है, उसे देखने के बाद ही कुछ निर्णय लिया जायेगा. हम फिर चर्चा करते हुए बताएंगे कि कैसे विधि की रक्षा की जाये. अगर सब कुछ ठीक हो जाता है तो आयोजन किस ढंग से होना चाहिए, इसे लेकर आप सभी मुख्यमंत्री नवीन पटनायक से मुलाकात कर चर्चा कीजिए.
इस बैठक में नियोग के अध्यक्ष रवींद्र दास महापात्र, महासचिव दुर्गा दास महापात्र, अतिरिक्त सचिव राम इतिहास महापात्र, चंद्रशेखर दास महापात्र, शिव मंदिर समचाना कमेटी सदस्य रामचंद्र दास महापात्र, पूर्व कोषाध्यक्ष कार्तिक दास महापात्र, वरिष्ठ सदस्य विनायक दास महापात्र, पूर्व अध्यक्ष रामकृष्ण दास महापात्र, पूर्व सचिव प्रेम आनंद दास महापात्र, गणेश दास महापात्र, तीनों भगवानों के मुख्य मार्ग राही राजकुमार स्वामी महापात्र, नाथ दास महापात्र, रामचंद्र दास महापात्र, सदस्य कृपासिंधु दास महापात्र प्रमुख उपस्थित थे।
इस दौरान यह भी चर्चा हुई कि इससे पहले भी महामारियों के कारण देश में लाखों-लाखों लोगों की मौत चुकी है, लेकिन कभी भी महाप्रभु की रथयात्रा नहीं रूकी. इस बारे में मुख्यमंत्री नवीन पटनायक को भी लिखित रुप से सूचना दी गई है. अब तीन मई के बाद राज्य सरकार के निर्णय पर सब कुछ टिका हुआ है.