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भगवान ऋषभदेव (आदिनाथ) जन्म कल्याणक महोत्सव मना

भुवनेश्वर। खण्डगिरी पर्वत पर स्थित श्री खण्डगिरी-उदयगिरी दिगम्बर जैन सिद्धक्षेत्र जिनमंदिर में जैनधर्म के प्रथम तीर्थकर भगवान ऋषभदेव (आदिनाथ) का जन्म कल्याणक महोत्सव श्रद्धालुओं की उपस्थिति में बड़े धूमधाम से मनाया गया। इस अवसर पर भगवान आदिनाथ शोभायात्रा खण्डगिरी की तलहटी में स्थित जैन मंदिर से ढोल नगाड़ों के साथ भजन व नृत्य करते हुए अनेकानेक श्रद्धालुओं के साथ खण्डगिरी पर्वत पर स्थित जिनमंदिर में पहुंची, जहां पर कलिंग जिन भगवान आदिनाथ के अभिषेक, शांतिधारा तथा पूजन विधान का आयोजन किया गया। भगवान आदिनाथ जैनधर्म के प्रथम तीर्थकर हैं, जिनका जन्म चैत्र कृष्ण नवमी के दिन अयोध्या में हुआ था तथा वे तपस्या के पश्चात् कैलाश पर्वत से निर्वाण को प्राप्त हुए थे।

ओडिशा के खण्डगिरी तथा उदयगिरी पर्वतों का संबंध जैनधर्म तथा प्रथम तीर्थकर भगवान आदिनाथ-ऋषभदेव से विशेष रुप से जुड़ा हुआ है। ईसा पूर्व प्रथम शताब्दी में चेदि वंश के जिनधर्म अनुयायी महामेघवाहन सम्राट खारवेल ने मगध पर चढाई की तथा सम्मान पूर्वक कलिंगजिन भगवान ऋषभदेव की प्रतिमा वापस प्राप्त कर उदयगिरी तथा खण्डगिरी पर्वत की विश्व प्रसिद्ध गुफाओं में विराजमान की। यह संपूर्ण परिचय उदयगिरी पर्वत पर हाथी गुफा में 17 पंक्तियों में सम्राट खारवेल द्वारा ब्राह्मी लिपि में लिखवाए गए शिलालेख में मौजूद है, जिसका प्रारंभ जैन धर्म मूलमंत्र णमोकार मंत्र से होता है।

कार्यकम के पश्चात् सभी श्रद्धालुओं ने खण्डगिरी पर्वत पर स्थित नवमुनि गुफा, बाराभुजी गुफा तथा महावीर गुफा आदि गुफाओं में विराजित जैन प्रतिमाओं की वंदना तथा आराधना की। कार्यक्रम के पश्चात् तलहटी में सभी आगन्तुकों का धन्यवाद ज्ञापित किया गया। कार्यक्रम को सफल बनाने में राजकुमार छाबड़ा, गौरव जैन रॉवका, अंजू जैन, महिला मंडल की अध्यक्ष कांता अजमेरा, क्षेत्र मैनेजर विनीता जैन, रिद्धी जैन आदि ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।

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