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पूर्व मंत्री डा दामोदर राउत की हालत गंभीर

  • हॉर्ट अटैक के बाद हुआ है ब्रेन डेड, निजी अस्पताल में भर्ती

  • बेटा तथा पारादीप से विधायक संबित राउतराय ने कैपिटल अस्पताल पर लगाए गंभीर आरोप

  • कहा- सीपीआर देने में देरी ब्रेन डेड घोषित हुए

भुवनेश्वर। राज्य के पूर्व मंत्री तथा वरिष्ठ नेता डा दामोदर राउत की स्थिति अत्यंत गंभीर है। उनके पुत्र तथा पारादीप से विधायक संबित राउतराय ने यह जानकारी दी। उन्होंने बताया कि गत 18 मार्च को उन्हें हॉर्ट अटैक आया था। सबसे पहले उन्हें कैपिटल अस्पताल में भर्ती कराया गया था। इसके बाद उन्हें एक निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया है। उनका ब्रेन डैड हो गया है। अभी उनकी चिकित्सा चल रही है।

एक न्यूज चैनल से बात करते हुए उनके बेटे संबित राउतराय ने अपने पिता की बिगड़ती हालत के लिए कैपिटल हॉस्पिटल के अधिकारियों को जिम्मेदार ठहराया। उन्होंने कहा कि मेरे पिता को जब कैपिटल अस्पताल ले जाया गया, वहां डॉक्टरों ने उन्हें कार्डियोपल्मोनरी रिससिटेशन (सीपीआर) देने में देरी की, जिसके लिए हमें उन्हें एक निजी अस्पताल में स्थानांतरित करना पड़ा, जहां उनका इलाज चल रहा है। उनके बेटे ने कहा कि सीपीआर देने में देरी के कारण उनकी हालत गंभीर हो गई और उन्हें ब्रेन डेड घोषित कर दिया गया।

संबित के मुताबिक, उनके पिता को प्राइवेट हॉस्पिटल में शिफ्ट करने में 15-20 मिनट लग गए। इस प्रक्रिया में मस्तिष्क को ऑक्सीजन की आपूर्ति में कमी के कारण उनके मस्तिष्क को व्यापक क्षति हुई।

कैपिटल हॉस्पिटल ने आरोपों का खंडन किया

इस बीच, कैपिटल हॉस्पिटल के निदेशक लक्ष्मीधर साहू ने संबित द्वारा लगाए गए आरोपों का खंडन करते हुए कहा कि राउत सीपीआर प्राप्त करने की स्थिति में नहीं थे। हालांकि, हमारे डॉक्टरों ने अस्पताल लाए जाने के तुरंत बाद ही रूट का इलाज किया। चूंकि हमारे पास कोई किडनी विशेषज्ञ नहीं हैं, इसलिए हमने प्राथमिक उपचार के बाद उसे एक निजी अस्पताल में रेफर कर दिया। उनकी किडनी अच्छी स्थिति में नहीं थी। इस संबंध में राउत के बेटे ने मुझसे शिकायत की है और मैंने मामले का निरीक्षण किया है।

कैपिटल अस्पताल में सुविधाओं पर सवालियां निशान

ओडिशा की राजधानी भुवनेश्वर स्थित पीजीआईएमईआर कैपिटल अस्पताल राज्य के प्रमुख बड़े अस्पतालों में से एक है। हालांकि इसे पीजीआईएमईआर में तब्दील कर दिया गया है, लेकिन यह आज भी यह अस्पताल निजी अस्पतालों की बराबरी नहीं कर पा रहा है। यहां उपलब्ध चिकित्सकीय सुविधाओं पर अक्सर सवालियां निशान लगते रहते हैं, क्योंकि निजी अस्पतालों की तुलना में गंभीर बीमारियों के इलाज के लिए सुविधाएं उपलब्ध नहीं हैं। अगर ऐसा नहीं होता, तो राज्य के बड़े नेताओं या मंत्रियों को इलाज के लिए निजी अस्पतालों में रेफर नहीं किया जाता। बीते दो साल के दौरान यह तीसरी बार है, जब राज्य के किसी नेता को गंभीर हालत में इलाज के लिए निजी अस्पताल में रेफर किया गया है। राउत से पहले सड़क हादसे में गंभीर रूप से घायल बीजद नेता तथा पूर्व सांसद प्रसन्न आचार्य को सुंदरगढ़ से लाकर यहां निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया है। उनका इलाज चल रहा है। इससे पहले राज्य के तत्कालीन स्वास्थ्य मंत्री नवकिशोर दास को भी गोली लगने के बाद इलाज के लिए निजी अस्पताल में ही भर्ती करना पड़ा था। नेताओं को निजी अस्पताल में रेफर किए जाने से यहां चिकित्सकीय सुविधाएं सवालों के घेरे में रहती हैं।

सात बार विधायक रहे हैं दामोदर

उल्लेखनीय है कि दामोदर बीजद के संस्थापक सदस्यों में से एक थे और उन्होंने बीजद के संस्थापक बीजू पटनायक के साथ मिलकर काम किया था। वह सात बार विधायक रहे हैं और ओडिशा सरकार में मंत्री थे। बाद में राउत भाजपा पार्टी में शामिल हो गए और बालिकुड़ा-एरासामा से विधानसभा चुनाव लड़ा।

नवीन ने शीघ्र स्वस्थ होने की कामना की

इस बीच, ओडिशा के मुख्यमंत्री नवीन पटनायक ने राउत के शीघ्र स्वस्थ होने और अच्छे स्वास्थ्य की कामना की। नवीन ने ट्विटर पर लिखा कि मैं पार्टी के वरिष्ठ नेता और पूर्व मंत्री दामोदर राउत की बीमारी के बारे में जानकर चिंतित हूं। उनके अच्छे स्वास्थ्य और लंबी उम्र की कामना करता हूं।

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