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आधे-अधूरे हम-तुम काव्य संग्रह का विमोचन

  • अतिथियों ने किया देश सृजन में कवियों से योगदान देने का आह्वान

  • लगभग 20 कवियों एवं कवयित्रियों ने कविता, गीत-गजल एवं शायरी से श्रोताओं को झूमने पर किया मजबूर

भुवनेश्वर। राष्ट्रीय कवि संगम के बैनर तले युवा कवि विक्रमादित्य सिंह की पुस्तक “आधे-अधूरे हम-तुम” काव्य संग्रह का विमोचन भुवनेश्वर के गीत गोविंद भवन में किया गया। पुस्तक विमोचन के साथ-साथ अखिल कवि सम्मेलन का सुंदर एवं ऐतिहासिक आयोजन भी हुआ, जिसमें ओडिशा प्रांत से लगभग 20 कवियों एवं कवयित्रियों ने अपनी कविता, गीत-गजल एवं शायरी से श्रोताओं को झूमने पर मजबूर कर दिया। जहां देशप्रेम की कविता ने दिल में जज्बा भरा, वहीं संवेदनशील कविता ने आंखें नम की। हास्य-व्यंग्य की कविताओं ने श्रोताओं को खूब गुदगुदाया। वहीं श्रोता शेरों-शायरी पर वाह-वाह करते नजर आए।

कार्यक्रम में बतौर मुख्य अतिथि सुभाष चंद्र भुरा उपस्थित थे। पूरे कार्यक्रम की अध्यक्षता राष्ट्रीय कवि संगम ओडिशा प्रांत के अध्यक्ष नथमल चनानी ने किया। इस मौके पर राष्ट्रीय कवि संगम के संरक्षक गजानंद शर्मा एवं प्रांतीय प्रभारी साखी गोपाल पण्डा भी मौजूद थे। अपने सम्बोधन में मुख्य अतिथि सुभाष चन्द्र भुरा ने कहा कि प्रत्येक नागरिक का यह कर्तव्य है कि वह राष्ट्र के प्रति जागरूक एवं सतर्क रहे, कवियों एवं पत्रकार बंधुओं से निवेदन किया कि आप अपनी लेखनी में देश एवं समाज के प्रति निष्ठा और संवेदना रखें तथा देश सृजन में अपना योगदान दें। अध्यक्षीय भाषण में नथमल चनानी ने कहा कि जिनके पास कलम की ताकत है, वह ताकत राष्ट्रहित में, उसके उन्नति में समर्पित होना चाहिए। राष्ट्रपति पुरस्कार विजेता अशोक पाण्डेय ने इस मौके पर पूर्व राज्यपाल प्रोफेसर गणेशी लाल को याद करते हुए कहा कि राष्ट्रीय कवि संगम को ओडिशा प्रांत में पुष्पित एवं पल्लवित करने का पूरा श्रेय राज्यपाल को जाता है।

राष्ट्रीय कवि संगम के खुर्दा जिला इकाई के अध्यक्ष विक्रमादित्य सिंह, संयोजिका रितु महिपाल, महामंत्री आशीष विद्यार्थी एवं मीडिया प्रभारी विनोद कुमार के सामूहिक प्रयास ने इस ऐतिहासिक आयोजन को प्रेरणादायक बनाने के लिए साहित्य जगत से, उद्योग जगत से, भाषा विकास में सहायक प्रणेताओं के अतुलनीय योगदान को सम्मानित करने के लिए एक नई पहल की शुरुआत की। पूरी टीम ने विभिन्न क्षेत्रों से चुने कुल 10 लोगों को सम्मानित किया, जिसमें उत्कल शिरोमणी सम्मान सुभाष चंद्र भुरा को, उत्कल गौरव सम्मान लक्ष्मण लाल महिपाल को, काव्य गौरव सम्मान नथमल चनानी को, साहित्य गौरव सम्मान गजानंद शर्मा को, हिंदी गौरव सम्मान अशोक पाण्डेय को, काका हाथरसी हंसोड़ सम्मान राकेश जैन को, संस्कृत साधना शिखर सम्मान साखी गोपाल पण्डा को, बहुभाषा उन्नति सम्मान प्रदीप बिस्वाल को दिया गया।

खुर्दा जिला के अध्यक्ष विक्रमादित्य सिंह ने बताया कि इस अद्भुत एवं ऐतिहासिक आयोजन से समाज में कुछ अच्छा और बेहतर करने के लिए प्रेरणा मिलेगा। सफल आयोजन के लिए उन्होंने सभी योगदान देने वाले लोगों के प्रति आभार जताया। उनकी पुस्तक की समीक्षा कवि किशन खंडेलवाल ने किया एवं पुस्तक आधे-अधूरे हम-तुम से जुड़े कुछ प्रश्न-संवाद रितु महिपाल ने किया, जिसका मार्मिक एवं संवेदनशील उत्तर लेखक व कवि विक्रमादित्य सिंह ने दिया। मंच संचालन किशन खंडेलवाल एवं प्रतिभा कानू ने किया एवं धन्यवाद ज्ञापन आशीष विद्यार्थी ने दिया।

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