भुवनेश्वर। अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस: 2023 को ध्यान में रखकर भुवनेश्वर उत्कल अनुज हिंदी पुस्तकालय में 3 मार्च को सायंकाल काव्य संध्या कार्यक्रम आयोजित किया गया। समारोह की अध्यक्षता नीलम अग्रवाल, अध्यक्ष, मामस,भुवनेश्वर ने की । आयोजन की आरंभिक जानकारी देते हुए अशोक पाण्डेय ने बताया कि अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस पहली बार 1911 में 8 मार्च को आयोजित किया गया था। आयोजन का मूल उद्देश्य महिलाओं को पुरुष के साथ जीवन के प्रत्येक क्षेत्र में समान भागीदारी कायम करना था। इसीलिये प्रतिवर्ष 8 मार्च को अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस धूमधाम के साथ मनाया जाता है ।
अशोक पाण्डेय ने यह भी बताया कि आज का युग युवाओं और महिलाओं का युग है।आज भारत विश्व का एकमात्र ऐसा देश है जहां पर युवाओं और महिलाओं की संख्या सबसे अधिक है । एक समय था जब महिलाओं को पर्दे के अंदर रहना पड़ता था और वे घर की चार दीवारी में बंद रहकर खाना पकाने और खाना परोसने तक की जिंदगी जी रही थीं लेकिन आज 21वीं सदी इस बात की प्रत्यक्ष गवाह है कि भारत में महिलाओं की भागीदारी पुरुषों के बराबर हो चुकी है। जीवन का कोई भी ऐसा क्षेत्र नहीं है जहां पर महिलाएं पुरुषों के साथ कंधे से कंधा मिलाकर खड़ी नहीं हैं। जहां तक उत्कल अनुज हिंदी पुस्तकालय की बात है यहां के जितने भी सदस्य हैं उनमें महिलाओं की संख्या लगभग 45% है । आज हमें इस बात का संकल्प लेने की जरूरत है कि चाहे हम अपने घर -परिवार में हों, समाज में हों, किसी कार्यालय में कार्यरत हों या समाज सेवा के कार्य में लगे हों, हम सबको महिलाओं को बराबर का दर्जा देना चाहिए तभी जाकर अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस मनाने का संकल्प पूरा होगा।साथ ही साथ भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का व्यावहारिक सपना साकार होगा।
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कार्यक्रम में किशन खंडेलवाल, विक्रमादित्यसिंह,मुरारीलाल लढानिया,विनोद कुमार, आशीष कुमार साह,सुथीर कुमार सुमन,डा विद्युत प्रभा गंतायत, राजेश तिवारी, मंजुलता अस्थाना महंती,विभारानी तमोतिया, नारायण मुदुली, स्मिता कानुनगो और नीलम अग्रवाल आदि ने अपनी- अपनी कविताओं का पाठ किया जिसका केंद्रीय भाव महिला सम्मान के साथ-साथ महिला सशक्तिकरण रहा। मनसंचालन पुस्तकालय के सचिव किशन खंडेलवाल ने किया जबकि आभार प्रदर्शन किया सुभाष चंद्र भुरा ने।