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कहा-हमारी शिक्षा छात्रों को कौशल आधारित प्रशिक्षण देने तक ही सीमित नहीं होनी चाहिए
ब्रह्मपुर। ओडिशा के राज्यपाल रघुवर दास ने कहा कि शिक्षा का उद्देश्य एक छात्र को एक अच्छा इंसान और एक जिम्मेदार नागरिक बनना होना चाहिए। राज्यपाल रघुवर दास आज शुक्रवार को ब्रह्मपुर विश्वविद्यालय के 25वें दीक्षांत समारोह में छात्रों को संबोधित कर रहे थे।
इस दौरान शिक्षा के असली उद्देश्य को राज्यपाल रघुवर दास ने रेखांकित करते हुए कहा कि हमारी शिक्षा छात्रों को कौशल आधारित प्रशिक्षण देने तक ही सीमित नहीं होनी चाहिए, बल्कि उन्हें रोजगार योग्य, अच्छे आचरण वाले इंसान और जिम्मेदार नागरिक बनाना भी चाहिए। इस मौके पर भारत की राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू बतौर मुख्य अतिथि उपस्थित थीं।
इस दौरान दीक्षांत समारोह को संबोधित करते हुए राज्यपाल ने पास करने वाले छात्र-छात्राओं को उनके उज्ज्वल भविष्य के लिए अपनी शुभकामनाएं देते हुए असली शिक्षा के मायने बताए तथा उनका मार्गदर्शन किया। साथ ही कहा कि छात्रों को देश और समाज की सेवा करने के लिए भी तत्पर होना चाहिए।
ब्रह्मपुर विश्वविद्यालय के 24 वर्ष पूरे
उन्होंने बताया कि भारत के शैक्षिक मानचित्र पर अपना गरिमामय स्थान बनाकर ब्रह्मपुर विश्वविद्यालय ने सफलतापूर्वक अपने अस्तित्व के 24 वर्ष पूरा कर लिया है। यह विश्वविद्यालय परिवार के लिए महत्वपूर्ण अवसर है। ब्रह्मपुर विश्वविद्यालय पिछले छह दशकों में उच्च शिक्षा की परिवर्त्तनशील आवश्यकताओं और चुनौतियों का सक्रिय एवं सचेष्ट रूप से समाधान देते हुए सशक्त हुआ है। विश्वविद्यालय ने इस अवधि में जो प्रतिष्ठा और गौरव अर्जित की है, उसके लिए मैं उसकी सराहना करता हूं। विश्वविद्यालय नित नवीन शैक्षणिक कार्यक्रम तथा उच्च शिक्षा में उत्कृष्टता के प्रति प्रतिबद्धता के साथ अपने लक्ष्य की ओर गतिशील रहा है।
मेधावी विद्यार्थियों को हृदय से बधाई
उन्होंने कहा कि दीक्षांत समारोह विश्वविद्यालय तथा विद्यार्थियों के लिए उत्सव का दिन होता है। मैं आज अपने अथक परिश्रम और लगन से उत्तीर्ण सभी मेधावी विद्यार्थियों को हृदय से बधाई देता हूं। आप सभी अपने भावी जीवन में उत्कृष्ट उपलब्धियों को प्राप्त करें, भगवान जगन्नाथ से ऐसी मंगलकामना करता हूं। मैं इस गौरवपूर्ण क्षण को आप सभी विद्यार्थियों और आपके परिवार के सदस्यों के साथ साझा करने का अवसर पाकर सौभाग्यशाली महसूस कर रहा हूं।
जीवन एक निरंतर सीखने की प्रक्रिया
छात्रों को संबोधित करते हुए राज्यपाल ने कहा कि आपकी शैक्षणिक जीवन की एक यात्रा के समाप्ति के साथ-साथ आपके जीवन में एक नए आध्याय का आरंभ भी है। इस अवसर पर मैं आप सभी को एक बात से अवगत कराना चाहूंगा कि जीवन एक निरंतर सीखने की प्रक्रिया है, जो सदैव नवीन खोज और ज्ञान के नए आयामों को उद्घाटित करती रहती है। आप किसी भी क्षेत्र में हों, आपको अनुसंधान और ज्ञान विकास के नए आयामों के लिए सदैव जागृत रहना चाहिए।
विश्वविद्यालय की अवधारणा उदार और मानवतावादी दृष्टिकोण पर केन्द्रित है, जिसमें उपयोगितावादी दृष्टिकोण का त्याग कर शिक्षा के मूल्य की समझ समाहित है, जो छात्र की बुद्धि के संवर्धन के साथ-साथ चारित्रिक विकास में भी सहायक है। हमारी शिक्षा व्यक्ति को केवल रोजगार योग्य बनाने के लिए कौशल-आधारित प्रशिक्षण देने तक ही सीमित नहीं रहनी चाहिए, बल्कि उन्हें सुन्दर, सुसभ्य मनुष्य एवं जिम्मेदार नागरिक के रूप में निर्माण की ओर होनी चाहिए। राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 इसी उद्धेश्य को पूरा कर छात्रों के समग्र विकास के लिए नवीन शिक्षा आयामों का मार्ग प्रशस्त कर रही है।
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शिक्षण और अनुसंधान के अंतःसंबंध हों मजबूत
उन्होंने कहा कि मेरी राय में विश्वविद्यालयों को शिक्षण और अनुसंधान इन दोनों के अंतःसंबंध को मजबूत करना चाहिए, जिससे ज्ञान के प्रसार के साथ-साथ नए ज्ञान की खोज का केंद्र बन सके। मुझे विश्वास है कि ब्रह्मपुर विश्वविद्यालय का शिक्षण समुदाय वर्तमान समय की चुनौतियों का सामना करते हुए इस उद्देश्य को संपूर्णतः प्राप्त करेगा।
राज्यपाल ने कहा कि स्वामी विवेकानन्द ने युवाओं को संबोधित करते हुए कहा था कि अनंत शक्तियां आपके भीतर हैं, आप कुछ भी और सब कुछ कर सकते हैं, उस पर विश्वास करो। भौतिकता और नैतिकता, तकनीकी और युक्तिसंगतता तथा वैज्ञानिकता एवं आध्यात्मिकता के बीच गुणवत्ता का सही संतुलन होना चाहिए। ऐसे में आपके सामने अनेकानेक अवसर हैं, अतः अपने आपको ज्ञान और कौशल से सुसज्जित, सुविकसित करें, लेकिन अनुशासन, चरित्र और सहनशीलता के मूल्यों का उल्लंघन कभी न करें।
विश्वविद्यालय में लगभग 60 प्रतिशत छात्र महिलाएं
उन्होंने कहा कि मुझे यह जानकर प्रसन्नता हुई कि विश्वविद्यालय में लगभग 60 प्रतिशत छात्र महिलाएं हैं और पीएचडी में भी महिला शोधार्थियों की संख्या पुरूषों से अधिक है। स्वर्ण पदक प्राप्त करने वाले मेधावी विद्यार्थियों एवं समस्त उपाधिधारकों को मैं बधाई देता हूं। विश्वविद्यालय के शिक्षकों एवं शिक्षार्थियों द्वारा कैंसर और मलेरिया के लिए कम लागत वाली दवा विकसित करना, मधुमेह की निगरानी के लिए कम लागत वाले प्रोटोटाइप का विकास, कैंसर और घटती प्रतिरक्षा क्षमता जैसी विकारों के उपचार के लिए पश्चिमी घाट के महेन्द्रगिरी पर्वत पर स्थित पौधों का उपयोग करना आदि विश्वविद्यालय के इन अकादमिक उपलब्धियों से मैं आनंदित और गौरवान्वित हूं।
उन्होंने आशा जताया कि ब्रह्मपुर विश्वविद्यालय सामाजिक, आर्थिक, सांस्कृतिक और पर्यावरणीय कल्याण से संबंधित समस्याओं के सामाधान के नए तरीके ईजाद करने के अलावा उच्च शिक्षा में गौरव की नई ऊंचाइयों को प्राप्त करेगा। विश्वविद्यालय के सामने नैक से बहुत अच्छा ग्रेड प्राप्त करना चुनौती है। मुझे पूर्ण विश्वास है कि विश्वविद्यालय परिवार गुणवत्ता युक्त शिक्षा के लिए शीघ्र ही पहली बार नैक द्वारा ब्रह्मपुर विश्वविद्यालय का मूल्यांकन करा लेंगे।