भुवनेश्वर. कोरोना महामारी के कारण लाक डाउन के बीच महाप्रभु श्रीजगन्नाथजी की रीति-नीति को लेकर पुरी के गोवर्धन पीठ के शंकराचार्य श्री निश्चलानंद सरस्वती द्वारा दिये गये परामर्श का केन्द्रीय मंत्री धर्मेन्द्र प्रधान ने स्वागत किया है.
साथ ही उन्होंने विश्वास व्यक्त किया कि उनका परामर्श समग्र हिन्दू समाज को आश्वस्त करेगा. प्रधान ने ट्विट कर कहा कि महाप्रभु श्रीजगन्नाथजी की रीति-नीति व महान परंपरा की रक्षा के साथ-साथ कोरोना महामारी के सही रुप से मुकाबला करने हेतु शंकराचार्य महाराज ने जो परामर्श दिया है उससे हिन्दू समाज व ओडिशा के साढे चार करोड़ लोगों को आश्वस्त करेगा, ऐसा उन्हें विश्वास है.
उन्होंने कहा कि पुरी के गजपति महाराज ने कोरोना महामारी के मुकाबला के लिए केन्द्र व राज्य सरकार के नीति नियमों को मानने पर जोर देना एक समयपोयोगी कदम है. प्रधान ने कहा कि उन्हें इस बात का पूरा विश्वास है कि श्रीमंदिर प्रबंध कमेटी, श्रीमंदिर प्रशासन व राज्य सरकार जगतगुरु शंकराचार्य, पुरी के गजपति महाराज के परामर्श के आधार पर कार्य करेगी तथा इससे महाप्रभु की पंरपरा की भी रक्षा की जा सकेगी. उन्होंने आशा व्यक्त की कि महाप्रभु श्रीजगन्नाथजी के आशीर्वाद से कोरोना की इस लड़ाई में हम विजयी होंगे. उल्लेखनीय है कि कोरोना को कारण लाक डाउन को ध्यान में रखकर श्रीजगन्नाथ जी से जुड़ी परंपराओं पर असर होने की आशंका थी.
श्रीमंदिर परिसर में आयोजित होंगे अक्षय तृतीया के अनुष्ठान
कोरोना वायरस को लेकर जारी लाकडाउन के बीच पुरी के जगतगुरु शंकराचार्य स्वामी श्री निश्चलानंद सरस्वती ने सिफारिश की है कि अक्षय तृतीया के अनुष्ठान तथा इस दिन से शुरू होने वाले रथों के निर्माण श्रीमंदिर परिसर में किये जायें. लाकडाउन के कारण रथों का निर्माण बाहर नहीं हो सकता है.
कोरोना को लेकर जारी लाकडाउन में रथयात्रा के निकाले जाने पर संशय के बीच कल शंकराचार्य के नेतृत्व में बैठक हुई. इस बैठक में गजपति महाराज दिव्य सिंहदेव भी मौजूद थे. इस दौरान उपरोक्त बात की सिफारिश शंकराचार्य ने की. शंकराचार्य से मुलाकात के बाद गजपति महाराज दिव्य सिंहदेव ने बताया कि सभी अनुष्ठान मंदिर परिसर के अंदर आयोजित किया जायेगा.
अक्षय तृतीया (26 अप्रैल) को रथयात्रा के लिए रथ निर्माण अनुष्ठान की शुरुआत श्री जगन्नाथ मंदिर परिसर के अंदर होगी. 21 दिनों की चंदन यात्रा समेत सभी नीतियां तीन मई तक मंदिर परिसर में ही आयोजित होंगी. रथयात्रा को लेकर केंद्र और राज्य सरकारें निर्णय लेंगी. बैठक में श्रीमंदिर के मुख्य प्रशासक डा किशन कुमार, जिलाधिकारी बलवंत सिंह, पुलिस अधीक्षक डा उमाशंकर दास व अन्य उपस्थित थे.