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बिहार सरकार में संयुक्त सचिव एवं साहित्यकार थे पंडित विद्यानंद झा
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ओडिशा, बिहार, झारखंड, छत्तीसगढ़ से कई लोग पहुंचे श्रद्धांजलि देने
कटक। बिहार सरकार के अवकाश प्राप्त संयुक्त सचिव और लेखक पंडित विद्यानंद झा की स्मृति में एक श्रद्धांजलि सभा आयोजित की गई। यह सभा कॉन्टिमेंट रोड स्थित वरिष्ठ आईपीएस अधिकारी एवं उनके दामाद विनयतोष मिश्र के आवास पर हुई। स्मृति सभा की शुरुआत में दीप प्रज्ज्वलन एवं मंत्रोच्चारण किया गया। मंच संचालन कटक महानगर छठ पूजा समिति के अध्यक्ष शैलेश कुमार वर्मा ने किया। वर्मा ने कहा कि पंडित विद्यानंद झा बहुमुखी प्रतिभा के धनी थे। उनके द्वारा लिखी गईं कई रचनाएं लोगों के लिए मार्गदर्शन के रूप में काम कर रही हैं। रांची विश्वविद्यालय हिंदी विभाग के पूर्व विभागाध्यक्ष प्रो जेबी पांडेय ने श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए कहा कि डा विद्यानंद झा सरस्वती के वरद् पुत्र थे। उन्होंने दो दर्जन से अधिक पुस्तकें लिखकर साहित्य के भंडार को समृद्ध किया है और एतदर्थ उन्हें विक्रम शिला विश्वविद्यालय, भागलपुर से विद्यासागर (डी-लिट्) की मानद उपाधि दी गई थी। डा पांडेय ने पिता पर लिखित एक कविता के माध्यम से अपनी श्रद्धांजलि अर्पित की तथा कहा कि उनका जीवन काल सदैव दूसरों की सेवा एवं साहित्यिक रचनाओं से जुड़ा रहा। इस श्रद्धांजलि सभा में पदनाभ साहित्य परिषद वैशाली, हाजीपुर की ओर से डा जेबी पांडेय द्वारा पंडित विद्यानंद झा की सुपुत्री एवं वरीय अधिवक्ता ममता मिश्र को पद्मनाभ वैशाली गौरव सम्मान देकर सम्मानित किया गया। इस अवसर पर वरीय पुलिस अधिकारी विनयतोष मिश्र, स्व झा के बड़े सुपुत्र अविनाश कुमार झा के साथ-साथ परिवार सभी सदस्यों के साथ कटक, भुवनेश्वर, भद्रक, बालेश्वर, रायपुर, बिहार एवं झारखंड से अनेक गण्यमान व्यक्तियों ने उपस्थित होकर पंडित विद्यानंद झा को अपनी श्रद्धांजलि अर्पित की। इस श्रद्धांजलि सभा में आकाश इंस्टीट्यूट के प्रबंध निदेशक अजय बहादुर सिंह, विश्वास के अध्यक्ष संजय झा भी उपस्थित रहे। इस अवसर पर साईं राम म्यूजिक के निर्देशक ललित सतपथी के तत्वावधान में भक्ति परक गीतों की संगीतमय प्रस्तुति दी गई, जिसकी सबने सराहना की। श्रीमती सरोज झा ने आगत अतिथियों को शाल और पुस्तक भेंटकर सम्मानित किया। आगत अतिथियों का भव्य स्वागत ममता मिश्रा ने, संचालन शैलेश कुमार वर्मा ने और धन्यवाद ज्ञापन अमरेश आनंद ने किया। राष्ट्र गान से पूर्णाहुति हुई।