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बीजू जनता दल क्या बन गई है “बीफ जनता दल” – अनिल बिस्वाल
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भाजपा प्रवक्ता ने फेसबुक पोस्ट में दागे कई असहज सवाल
भुवनेश्वर। सत्तारूढ़ बीजू जनता दल (बीजद) के 27वें स्थापना दिवस पर आज विपक्षी दल भाजपा ने जमकर हमला बोला है तथा कुछ असहज सवाल दागते हुए उसे आत्मनिरीक्षण करने की सलाह दी है। भाजपा प्रवक्ता अनिल बिस्वाल ने कहा है कि आज स्थापना दिवस पर बीजद ने आम आदमी को यह सोचने पर मजबूर कर दिया है कि क्या वह पार्टी “बीफ जनता दल” बन गई है।
भाजपा प्रवक्ता अनिल बिस्वाल ने फेसबुक पर किए गए पोस्ट में सवाल किया है कि बीजद, जो क्षेत्रवाद और ओड़िया गौरव के सिद्धांतों पर स्थापित हुई थी, आज एक गैर-ओड़िया व्यक्ति के रिमोट कंट्रोल के तहत चल रही है। यह कैसा परिवर्तन है? बीजद के ओड़िया नेता और जनप्रतिनिधि उस गैर-ओड़िया अधिकारी से नेता बने नेता की सभाओं में तालियां बजा रहे हैं। उस गैर ओड़िया व्यक्ति के लिए जनप्रतिनिधि टेंट बांध रहे हैं। यह कैसा स्वाभिमान है?
उन्होंने पूछा है कि क्या कोई बीजद नेता सच में कह सकता है कि वे जब चाहें मुख्यमंत्री से मिल सकते हैं या उन्हें किसी मुद्दे पर राय दे सकते हैं या किसी मुद्दे पर उनसे शिकायत कर सकते हैं?
उन्होंने कहा कि अपने 23 वर्षों के शासन में बीजद और उसके नेता अमीर हो गए हैं, लेकिन ओड़िया लोग गरीब हो गए हैं। किसानों की आय, औद्योगीकरण, रोजगार, पर्यटन, बुनियादी ढांचे, स्कूली शिक्षा, उच्च शिक्षा और बच्चों और महिलाओं की स्वास्थ्य देखभाल सहित विकास के सभी मापदंडों में ओडिशा आज देश में सबसे निचले पायदान पर है। आशा है कि बीजद नेता अपने स्थापना दिवस पर इन मुद्दों पर ईमानदारी से विचार करने के इस अवसर का लाभ उठाएंगे।
कामिया जानी विवाद को उठाते हुए बिस्वाल ने कहा कि बीजद ने अब तक कैसा प्रदर्शन किया है, इसका नवीनतम उदाहरण यह है कि जिस तरह से महिला (जानी) का एक झूठा स्पष्टीकरण वीडियो सभी बीजद नेताओं के सोशल मीडिया अकाउंट पर प्रसारित किया गया था। गोमांस खाने वाले ब्लॉगर का धर्मस्थल में प्रवेश, यह समझने में कोई संदेह नहीं बचा है कि बीजद के लिए कौन बड़ा है; भगवान जगन्नाथ या वीके पांडियन। गोमांस खाने वाले या करोड़ों जगन्नाथ भक्त?
बीजद ने किया खंडन
हालांकि, बीजद ने सभी आरोपों का खंडन किया है। पत्रकारों से बात करते हुए बीजद विधायक, देवी मिश्र ने कहा कि जब पूरा ओडिशा विकास देख सकता है, तो भाजपा इसे क्यों नहीं देख सकती? ओडिशा गरीबी कम करने वाला पहला राज्य है। पहले गांवों में सड़कें नहीं होती थीं। बीजद के नेतृत्व वाली सरकार ने राज्य में सभी बदलाव लाये हैं। यहां तक कि केंद्र सरकार और अन्य एजेंसियों ने भी ओडिशा की विकासात्मक गतिविधियों के लिए उसकी प्रशंसा की है।