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बालेश्वर में मोबाइल टावर सहित कई जगह पेड़ उखड़ कर रास्तों पर गिरे
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शहर में बिजली गुल, फसल एवं खेती को भी काफी नुकसान
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कई अन्य जिलों में भी बारिश
गोविन्द राठी, बालेश्वर. राज्य में मौसम ने करवट ले लिया है. आज काल बैशाखी के तूफान के तांडव से शहर सहित पूरे जिले में स्थिति गंभीर हो गई. खेती में फसल सहित सब्जियों को नष्ट करने के साथ-साथ अनेक जगहों पर बड़े-बड़े पेड़ भी उखड़ कर रास्ते पर गिर गए हैं. साथ ही शहर के चांदमारी मैदान के निकट स्थित एक तीन मंजिला इमारत के ऊपर से एक मोबाइल का टावर भी उखड़ कर गिर गया. यह टावर एक दूसरी इमारत की छत से जा टकराया एवं इस घटना में अभी तक किसी के घायल होने की खबर नहीं है. हालांकि दोनों इमारत के कुछ अंश बुरी तरह से प्रभावित हुए हैं.
खबर लिखे जाने तक टावर के मलबे को उठाने का काम प्रशासन की तरफ से शुरू नहीं किया गया था एवं अग्निशमन विभाग के कर्मचारियों को मौके पर तैनात कर दिया गया है. उधर, रास्ते पर गिरे पेड़ों को उठाने की जिम्मेदारी एनडीआरएफ को दी गई है. इसके साथ ही भारी वर्षा के कारण बारिश का पानी ठीक तरह से नालों से निष्कासित नहीं हो पाया, जिससे रास्तों के ऊपर पानी का भारी जमावड़ा देखने को मिला. कोरोना को लेकर शॉटडाउन के कारण आम लोग अभी यातायात नहीं कर पा रहे हैं, जिस कारण इसका खामियाजा किसी को भी ना भुगतना पड़ा.
उधर, तेज हवा के कारण अनेक जगहों पर होर्डिंग, बिजली के खंभे इत्यादि भी उखड़ कर गिर गए, जिसका सटिक आंकलन शाटडाउन के कारण नहीं हो पाया है. आज सुबह 11 बजे से ही शहर में विद्युत सेवा को संपूर्ण रूप से काट दिया गया था. एक ओर जहां कोरोना के लिए बालेश्वर में 60 घंटों के लिए शटडाउन की घोषणा की गई है, उधर इस तरह की परिस्थिति से अवस्था और गंभीर बन गई है.
गुरुवार देर शाम को राज्य सरकार द्वारा रात्रि 10 बजे से शॉट डाउन की घोषणा किए जाने के बाद लोगों में एक प्रकार की अफरा तफरी मच गई थी. लोग लाक डाउन के नियम का उल्लंघन करते हुए अपने घर के बाहर से निकल आए एवं जरूरत की सामग्री खरीदने के लिए इधर-उधर घूमते दिखे. कुछ स्थानों पर दुकानें भी खोली गई एवं उनमें खरीदारों की काफी भीड़ उमड़ पड़ी. कुछ समय के लिए भीड़ को नियंत्रित करना प्रशासन के लिए सिर दर्द बन गया था. लोगों ने जमकर जरूरत की सामग्री की खरीदारी की रात 10 बजे के बाद पुलिस ने सख्ती दिखाते हुए बाजारों को बंद कराकर लोगों को अपने घरों में रहने का निवेदन किया.
इधर, कटक, भुवनेश्वर समेत अन्य जगहों पर भी खबर लिखे जाने तक बारिश हो रही थी. लाकडाउन के नुकसान का कुछ पता नहीं चल सका था. लोगों को भीषण गर्मी से थोड़ी राहत मिली है.