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सर्वभाषा साहित्यिक सम्मान समारोह आयोजित
भुवनेश्वर। अखिल भारतीय साहित्यिक परिषद के सर्वभाषा साहित्यिक सम्मान समारोह में देशभर के 15 साहित्यकारों को सम्मानित किया गया। हालांकि इस समारोह में कुल 18 साहित्यकारों को सम्मानित किया जाना था, लेकिन इनमें से तीन साहित्यकार निजी स्वास्थ्य कारणों से अनुपस्थित रहे, उन्हें उनके घर जाकर सम्मानित किया जाएगा।
साओ ऑडिटोरियम में आज बुधवार को इस समारोह का उद्घाटन आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत ने किया। अखिल भारतीय साहित्य परिषद द्वारा भुवनेश्वर में आयोजित त्रि-प्रभागीय कार्यकर्ता व्याख्यान कार्यशाला में देश के विभिन्न हिस्सों से 300 से अधिक साहित्यकारों ने भाग ले रहे हैं। इस अवसर पर स्थानीय शिक्षा एवं अनुसंधान विश्वविद्यालय में अखिल भारतीय साहित्यिक सम्मान समारोह का आयोजन किया गया। इस समारोह में संस्कृत भाषा के लिए शिव बालक द्विवेदी, ओड़िया के लिए वैष्णव चरण मोहंती, बंगाली के लिए डा विदिशा सिन्हा, उर्दू के लिए नुसरत मेहदी, कोंकणी के लिए डॉ भूषण भावे, मराठी के लिए प्रोफेसर श्यामा घोणसे, पंजाबी के लिए पद्मश्री हरमहेंद्र सिंह बेदी, मलयालम भाषा के लिए आशा मेनन, सिंधी भाषा के लिए डॉ कमल गोकलानी, कश्मीरी भाषा के लिए डॉ महाराज कृष्ण भरत, असमिया भाषा के लिए पणिधर बोरा, मणिपुरी भाषा के लिए शुभग्नि देवी, तमिल भाषा के लिए एस शंकर सुब्रमण्यम, कन्नड़ भाषा के लिए प्रेम शेखर, गुजराती के लिए प्रो भागीरथ भाई ब्रह्मभट्ट, तेलुगू के लिए प्रो काशी रेड्डी, हिंदी के लिए डॉ सूर्यकुमार पांडे को सम्मानित किया गया है। गौरतलब है अखिल भारतीय साहित्य परिषद राष्ट्रवादी विचारों के साथ भारत की सभ्यता और संस्कृति को संरक्षित करते हुए देश की एकता, अखंडता और गौरव के लिए कार्य करती है। भारतीय साहित्य परिषद की देश के सभी प्रांतों में शाखाएं हैं। देश में लगभग 250 शाखाएं संचालित हो रही हैं। अखिल भारतीय साहित्य परिषद का उद्देश्य समाज के कल्याण के लिए साहित्य रचना करना, देश की संस्कृति को गहराई से आत्मसात कर परिभाषित करना है। इस अवसर पर वरिष्ठ समाजसेवी अजय अग्रवाल, परिषद के संरक्षक तथा पूर्व अध्यक्ष डा.बलवंत भाईजानी, अध्यक्ष सुशील चंद्र द्रिवेदी, राष्ट्रीय संगठन मंत्री श्रीधर परादकर, राष्ट्रीय महामंत्री ऋषि कुमार मिश्र, आरएसएस बौद्धिक प्रमुख स्वांत रंजन, प्रकाश बेताला प्रमुख मंचासीन थे। इस कार्यक्रम के शुरुआत दीप प्रज्ज्वन से हुई। इसके बाद प्रकाश बेताला ने स्वागत भाषण दिया।