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शक्ति माल्टारे के प्रबंध निदेशक ने बौध डिस्टिलरी और सांसद धीरज साहू के साथ संबंध से इनकार किया
भुवनेश्वर। ढेंकानाल जिले के टुमुसेंगा थानांतर्गत माचिगां में शक्ति माल्टारे और लेमोनाडे प्राइवेट लिमिटेड की बीयर बनाने वाली फैक्ट्री पर आज शनिवार को भी आयकर विभाग की छापेमारी दूसरे दिन भी जारी रही। पश्चिमी ओडिशा से लगभग 350 करोड़ रुपये की भारी नकदी बरामदगी के बाद आयकर विभाग ने शुक्रवार को इस शराब निर्माण इकाई पर छापा मारा था, जो शनिवार को भी जारी रहा। बताया जाता है कि शक्ति माल्टारे और लेमोनेड प्राइवेट लिमिटेड आमतौर पर बाहर से खरीदी गई स्प्रिट को मिश्रित करने के बाद कई ब्रांडों के तहत बीयर बनाती है। ये खासकर बौध डिस्टिलरी प्राइवेट लिमिटेड से स्प्रिट की खरीद करते थे, जहां हाल ही में आईटी अधिकारियों ने छापा मारा था।
हालांकि, शक्ति माल्टारे के प्रबंध निदेशक विक्रम साहू ने बौध डिस्टिलरी और सांसद धीरज साहू के साथ किसी भी व्यक्तिगत संबंध से इनकार किया।
मीडिया को दिए गए बयान में विक्रम साहू ने कहा है कि हम बौध डिस्टिलरी से स्प्रिट खरीदते हैं, लेकिन मैं व्यक्तिगत रूप से उन्हें नहीं जानता हूं। मेरे पास चार वेंडर हैं, जो हमारे लिए स्प्रिट लाते हैं और हम अपने ग्राहकों को बेचने से पहले उससे शराब बनाते हैं और ग्राहक उसे अपने लेबल के साथ बाजार में बेचते हैं। साहू ने कहा कि जहां तक आईटी छापों का सवाल है, मुझे नहीं पता कि उन्होंने मेरे प्लांट पर छापा क्यों मारा जा रहा है। केवल आईटी कर्मी ही इसका उत्तर दे सकते हैं।
उल्लेखनीय है कि शक्ति माल्टारे 2012 से मादक और गैर-अल्कोहल पेय तैयार कर रहा है। इसके पास शराब के मिश्रण, बोतलबंद, वितरण और बिक्री का लाइसेंस है। इसके बावजूद आईटी की दो टीमों द्वारा यहां छापेमारी जारी है। हालांकि यह स्पष्ट नहीं है कि यह छापेमारी कर चोरी से जुड़ी है या नहीं। सूत्रों ने कहा था कि इससे पहले बौध डिस्टिलरी पर की गई छापेमारी का संबंध ढेंकनाल में हुई छापेमारी से है। हाल ही में ओडिशा में बलदेव साहू एंड संस और बौध डिस्टिलरी प्राइवेट लिमिटेड की देशी शराब फैक्ट्रियों से जुड़े कई स्थानों पर आईटी छापे में 320 करोड़ रुपये की नकदी मिली थी।