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कहा-जब्त नकदी न तो कांग्रेस की है और न ही किसी अन्य राजनीतिक दल
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सभी कंपनियां हैं उनके रिश्तेदारों की
भुवनेश्वर। आयकर विभाग की छापेमारी के दौरान बरामद 320 करोड़ रुपये को लेकर झारखंड से कांग्रेस के राज्यसभा सांसद धीरज साहू ने चुप्पी तोड़ी है। उन्होंने खुद और पार्टी से दूरी बनाते हुए कहा कि शराब निर्माण इकाइयों से जब्त नकदी न तो कांग्रेस की है और न ही किसी अन्य राजनीतिक दल की।
साहू ने मीडिया से बात करते हुए कहा कि मीडिया जो भी नकदी बरामदगी को मेरे स्वामित्व वाला दिखा रहा है, असल में वे मेरे किसी रिश्तेदार के हैं, मेरे नहीं। मामला उनके और आयकर विभाग के बीच का है। मेरे रिश्तेदार इस पर बाद में स्पष्टीकरण देंगे। लेकिन इन सबसे पहले हमें आयकर विभाग के बयान का इंतजार करना चाहिए। वे बताएंगे कि जब्त नकदी काला धन है या सफेद धन।
साहू ने कहा कि जब्त की गई सारी नकदी शराब की बिक्री से थी। बलदेव साहू एंड संस और रितेश साहू एंड संस फर्म मेरे रिश्तेदारों के स्वामित्व में हैं। इसके अलावा मेरे अन्य रिश्तेदार भी हैं, जिनके पास ऐसे फर्म हैं। साहू ने कहा कि जहां तक बौध डिस्टिलरी प्राइवेट लिमिटेड (बीडीपीएल) का सवाल है, इसका स्वामित्व भी मेरे रिश्तेदारों के पास है, जहां शराब का निर्माण होता है। साहू ने कहा कि आयकर विभाग को बीडीपीएल से कोई नकदी नहीं मिली है।
उन्होंने कहा कि मैं 30-35 साल से सक्रिय राजनीति में हूं। मैं बिजनेसमैन नहीं हूं, मेरे रिश्तेदार हैं। मैं किसी राजनीतिक दल पर आरोप नहीं लगा रहा हूं। भाजपा ने पहले आरोप लगाया था कि शराब का कारोबार और कर चोरी बीजद और कांग्रेस के बीच सांठगांठ के परिणामस्वरूप चल रहा है।