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351 करोड़ रुपये से अधिक नकद बरामद करने के बाद जमीन के नीचे सोना या कीमती धातु छुपाने का संदेह
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आईटी विभाग की 12 सदस्यीय टीम जियो सर्विलांस सिस्टम मशीन के साथ पहुंची
रांची/भुवनेश्वर। कांग्रेस सांसद धीरज साहू के परिवार के स्वामित्व वाले ओडिशा स्थित डिस्टिलरी समूह के खिलाफ छापेमारी के दौरान 351 करोड़ रुपये से अधिक नकद बरामद होने के बाद संदेह का दायदा बढ़ता ही जा रहा है। संदेह है कि उनके संबंधित घर में जमीन के अंदर सोना या कीमती धातु छुपाया गया होगा। इस संदेह को लेकर अब आयकर विभाग के अधिकारी अब उनके संबंधित रांची स्थित घर के अंदर मिट्टी की खुदाई करने के लिए तैयार हैं।
जानकारी के मुताबिक, आईटी विभाग की 12 सदस्यीय टीम जियो सर्विलांस सिस्टम मशीन के साथ घटनास्थल पर पहुंच गई है। इस मशीन के इस्तेमाल से यह पता लगाया जा सकता है कि घर के अंदर जमीन के नीचे सोना या कीमती धातु छिपी हुई है या नहीं।
टीम के सदस्य मिट्टी में छिपे आभूषणों और अन्य वस्तुओं की गहन खोज करने के लिए जियो सर्विलांस सिस्टम मशीन का उपयोग कर रहे हैं। ओडिशा में साहू के परिवार से जुड़े स्थानों पर चली आयकर छापेमारी मंगलवार को समाप्त हुई।
ओडिशा में छापेमारी के समापन के बाद आयकर विभाग के अधिकारी और केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल (सीआईएसएफ) के जवान परिसर छोड़ चुके हैं। छापेमारी में झारखंड से राज्यसभा सांसद से जुड़े ठिकानों को निशाना बनाया गया।
बताया गया है कि जियो सर्विलांस सिस्टम की तैनाती आईटी टीम द्वारा उनकी खोज के दौरान संभावित छिपी संपत्तियों या सबूतों की जांच में अपनाए गए सावधानीपूर्वक दृष्टिकोण को दर्शाती है।
6 दिसंबर को आईटी विभाग ने ओडिशा में कथित कर चोरी को लेकर बौध डिस्टिलरी और उसके प्रमोटरों पर छापेमारी शुरू की थी।
ओड़िया अधिकारी ने निभाई महत्वपूर्ण भूमिका
कांग्रेस सांसद धीरज साहू के परिवार के ओडिशा स्थित डिस्टिलरी समूह के खिलाफ चलाए गए छापेमारी अभियान में एक ओड़िया अधिकारी ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। वरिष्ठ भारतीय राजस्व सेवा (आईआरएस) अधिकारी हृदय कुमार दास ओडिशा के केंद्रापड़ा जिले के मार्साघई ब्लॉक के अंगुली गांव के एक साधारण परिवार से हैं।
एक छात्र के रूप में दास के प्रदर्शन को याद करते हुए उनके गांव के निवासियों ने कहा कि पढ़ाई में उत्कृष्ट होने के अलावा, वह एक बहुत अच्छे क्रिकेट खिलाड़ी भी थे। उन्होंने क्रिकेट टूर्नामेंट में केंद्रापड़ा जिले का प्रतिनिधित्व किया।
मार्साघई कॉलेज से प्लस-II पूरा करने के बाद दास ने उत्कल विश्वविद्यालय से एमसीए किया और फिर सिविल सेवाओं के लिए तैयारी की। उन्होंने बताया कि यूपीएससी द्वारा आयोजित परीक्षा में अपने तीसरे प्रयास में उन्हें आईआरएस के लिए चुना गया था।
एक ग्रामीण ने कहा कि हमें गर्व है कि उसने नाम और शोहरत कमाई है। वह एक महत्वपूर्ण पद पर हैं और समर्पण के साथ अपने कर्तव्य का निर्वहन कर रहे हैं।