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वर्ष 2021 में 5625 अपहरण के मामले तो वर्ष 2022 में 5854 मामले हुए हैं दर्ज
भुवनेश्वर,राज्य में हर तीन घंटे में दो लोगों का अपहरण किया जाता है। हर दिन औसतन 16 लोगों का अपहरण किया जा रहा है। इतना ही नहीं हर साल राज्य में अपहरण के मामले बढ़ते जा रहे हैं। एनसीआरबी की ताजा रिपोर्ट में यह जानकारी दी गई है।
रिपोर्ट से मिली जानकारी के अनुसार, 2022 में राज्य में 5,854 लोगों का अपहरण किया गया। यानी हर एक लाख लोगों में से लगभग 13 लोगों का अपहरण किया जा रहा है। 2021 में ओडिशा में अपहरण के 5,625 मामले दर्ज किए गए थे, जबकि 2022 में मामलों की संख्या 4 प्रतिशत बढ़कर 5,854 हो गई है।
अधिक चिंता की बात यह है कि अपहृत व्यक्तियों में से 5,627 की आयु 18 वर्ष से कम हैं। इनमें से 5,137 नाबालिग हैं। हालांकि, 2022 के अंत तक, अपहरण किए गए लोगों में से 113 को बचा लिए जाने की जानकारी, रिपोर्ट में दी गई है। पूर्व पुलिस अधिकारी के अनुसार, राज्य में अपहरण के मामलों की वास्तविक संख्या और भी अधिक है। अपहरण के बहुत सारे मामले दर्ज नहीं किए जा रहे हैं क्योंकि लोगों को पुलिस पर भरोसा नहीं है।
न केवल अपहरण में, बल्कि ओडिशा में लापता होने के मामले में भी इजफा हुआ है। 2022 में राज्य में 18,587 लोग लापता हुए थे। यानी हर दिन औसतन 51 लोग राज्य से लापता हो जाते हैं। इनमें 75 प्रतिशत या 14,070 महिलाएं हैं। इनमें से 7,565 की उम्र 18 वर्ष से कम है। यानी 88 फीसदी नाबालिग हैं। यह खेद का विषय है कि 2022 से पहले लापता होकर बचाए नहीं जाने वाले व्यक्तियों की संख्या 23,172 थी जो कि 2022 तक बढ़कर 34,186 हो गई है।
सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक ज्यादातर मामलों में, लापता बच्चों और महिलाओं का इस्तेमाल दलालों द्वारा भीख मांगने, वेश्यावृत्ति और अन्य घरेलू कामों के लिए किया जा रहा है। इसलिए पुलिस के लिए जरूरी है कि वह गुमशुदगी के मामलों को गंभीर अपराध मानते हुए कार्रवाई करनी चाहिए।