भुवनेश्वर। कम दबाव का क्षेत्र बंगोप सागर में शक्ति एकत्र कर रहा है। शुक्रवार को यह गहरे दबाव में तब्दील होगा। परिणाम स्वरूप चक्रवात के प्रभाव से राज्य में वर्षा होने की सम्भावना है। खासकर 4 एवं 5 दिसम्बर को दक्षिण तटीय एवं इससे सटे जिलों में वर्षा होने की सम्भावना है। 5 एवं 6 दिसम्बर को तटीय जिले में वर्षा हो सकती है।
स्थानीय मौसम विभाग से मिली जानकारी के मुताबिक समुद्री सीमा से सटे पुरी, जगतसिंहपुर, केन्द्रापड़ा, भद्रक एवं बालेश्वर जिले में अधिक वर्षा होगी। गंजाम गजपति, रायगड़ा, खुर्दा, कटक, जाजपुर एवं मयूरभंज जिले में कम वर्षा होगी। हालांकि हवा को लेकर किसी प्रकार का कोई खतरा नहीं है। वरिष्ठ मौसम विशेषज्ञ प्रोफेसर डा.सुरेन्द्र नाथ पशुपालक ने उक्त जानकारी दी है।
डा.पशुपालक का कहना है कि बुधवार को दक्षिण पूर्व बंगोपसागर में बना कम दबाव का क्षेत्र 1 दिसम्बर को गहरे दबव में तब्दील होगा। गहरे दबाव में तब्दील होने के बाद यह केन्द्रीय दक्षिण बंगोप सागर के ऊपर स्थिर हो जाएगा। इसके बाद किस दिशा में जाएगा, इसकी तीव्रता किनती होगी उसको लेकर मौसम विभाग के विभिन्न माडल ने अलग अलग आकलन किया है।
2 दिसम्बर तक यह उत्तर-पश्चिम दिशा में गति कर दक्षिण बंगोप सागर में पहुंचेगा। इसके बाद पुन:दिशा बदलेगा। 3 दिसम्बर को यह चक्रवात का रूप धारण करेगा। 4 दिसम्बर को उत्तर पूर्व में गति कर 6 दिसम्बर तक बांग्लादेश की सीमा में पहुंच जाएगा।
वहीं भारतीय मौसम विभाग का कहना है कि 2 दिसम्बर को दक्षिण पश्चिम एवं इससे सटे दक्षिण पूर्व बंगोपसागर में चक्रवात बनेगा। ऐसे में 1 दिसम्बर से मछुआरों को समुद्र में जाने पर रोक लगा दी गई है।
स्थानीय मौसम विभाग से मिली जानकारी के मुताबिक समुद्री सीमा से सटे पुरी, जगतसिंहपुर, केन्द्रापड़ा, भद्रक एवं बालेश्वर जिले में अधिक वर्षा होगी। गंजाम गजपति, रायगड़ा, खुर्दा, कटक, जाजपुर एवं मयूरभंज जिले में कम वर्षा होगी। हालांकि हवा को लेकर किसी प्रकार का कोई खतरा नहीं है। वरिष्ठ मौसम विशेषज्ञ प्रोफेसर डा.सुरेन्द्र नाथ पशुपालक ने उक्त जानकारी दी है।
डा.पशुपालक का कहना है कि बुधवार को दक्षिण पूर्व बंगोपसागर में बना कम दबाव का क्षेत्र 1 दिसम्बर को गहरे दबव में तब्दील होगा। गहरे दबाव में तब्दील होने के बाद यह केन्द्रीय दक्षिण बंगोप सागर के ऊपर स्थिर हो जाएगा। इसके बाद किस दिशा में जाएगा, इसकी तीव्रता किनती होगी उसको लेकर मौसम विभाग के विभिन्न माडल ने अलग अलग आकलन किया है।
2 दिसम्बर तक यह उत्तर-पश्चिम दिशा में गति कर दक्षिण बंगोप सागर में पहुंचेगा। इसके बाद पुन:दिशा बदलेगा। 3 दिसम्बर को यह चक्रवात का रूप धारण करेगा। 4 दिसम्बर को उत्तर पूर्व में गति कर 6 दिसम्बर तक बांग्लादेश की सीमा में पहुंच जाएगा।
वहीं भारतीय मौसम विभाग का कहना है कि 2 दिसम्बर को दक्षिण पश्चिम एवं इससे सटे दक्षिण पूर्व बंगोपसागर में चक्रवात बनेगा। ऐसे में 1 दिसम्बर से मछुआरों को समुद्र में जाने पर रोक लगा दी गई है।