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विश्व विरासत सप्ताह के अवसर पर हस्त शिल्पम नामक कार्यक्रम आयोजित
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ओडिशा की रोजालीन पाटसाणी मिश्रा ने संथाली बुनाई परंपरा को किया पेश
भुवनेश्वर। ब्रिटिश संसद के हाउस ऑफ लॉर्ड्स में भारतीय हथकरघा ने अपनी दस्तक दे दी है। इस दौरान ओडिशा की रोजालीन पाटसाणी मिश्रा ने संथाली बुनाई परंपरा के बारे में उत्साहपूर्वक जानकारियां देते हुए इसे पेश किया। इस दौरान ब्रिटिश संसद के हाउस ऑफ लॉर्ड्स में भारत के विभिन्न क्षेत्रों के हथकरघा पर प्रकाश डाला गया।
विश्व विरासत सप्ताह के अवसर पर हस्त शिल्पम नामक कार्यक्रम का आयोजन ब्रिटेन स्थित कला दान, संस्कृति सेंटर फॉर कल्चरल एक्सीलेंस द्वारा किया गया था और इसकी मेजबानी बैरोनेस वर्मा ने की थी। वर्मा ब्रिटेन के पूर्व ऊर्जा और जलवायु परिवर्तन मंत्री और वर्तमान में रोहेम्प्टन विश्वविद्यालय के चांसलर हैं।
इस अवसर पर बैरोनेस वर्मा ने परंपराओं और विरासत के संरक्षण पर ध्यान देने का आह्वान किया तथा संस्कृति, विरासत और कला के विभिन्न पहलुओं के बारे में जागरूकता बढ़ाने के निरंतर प्रयासों के लिए संस्कृति केंद्र की सराहना की।
राजस्थान, सिंध, अरुणाचल प्रदेश, पश्चिम बंगाल, कर्नाटक, केरल, तेलंगाना और ओडिशा की हथकरघा और बुनाई परंपराओं को डॉ अंजलि शर्मा तिवारी, डॉ लखुमल लुहाना, डॉ पृथा दासमहापात्र, ताबा मेनिया, मंजू सुनील, मधुश्री मूर्ति, हर्षा रानी, अनन्या विलिना और वनमाला आचा द्वारा समृद्ध प्रस्तुतियों और आकर्षक नृत्यों के माध्यम से प्रस्तुत किया गया। प्रसिद्ध गायक-गीतकार रेनू गिडूमल ने इसे प्रस्तुत किया।
परिचय फाउंडेशन की डॉ रोजालिन पाटसाणी मिश्रा ने संथाली बुनाई परंपरा के बारे में उत्साहपूर्वक जानकारियां दी और बताया कि कैसे फाउंडेशन ओडिशा और उसके बाहर विभिन्न समूहों के साथ काम कर रहा है। कार्यक्रम को इसकी समृद्ध और सार्थक सामग्री के लिए उपस्थित लोगों से असाधारण प्रतिक्रिया मिली।
केंद्रीय जनजातीय मामलों के मंत्री माननीय अर्जुन मुंडा, केंद्रीय कपड़ा मंत्री माननीय पीयूष गोयल, अरुणाचल प्रदेश के संस्कृति मंत्री माननीय ताबा तेदिर और ओडिशा के संस्कृति मंत्री अश्विनी कुमार पात्र सभी ने इस अवसर पर संस्कृति केंद्र को अपना सर्वश्रेष्ठ संदेश भेजा था।