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ओडिशा में 23 वर्ष की प्रशासनिक सेवा से स्थापित की है अपनी छवि
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समस्याओं को तत्काल निपटारा करने में में रखते हैं महारथ
भुवनेश्वर। ओडिशा कैडर से प्रशासनिक सेवा में अपना परचम लहराते हुए पूर्व आईएएस वीके पांडियन अब बीजू जनता दल (बीजद) के परिवर्तनकारी कैडर बन गए हैं। राजनीतिक आलोचनाओं को धता बताते हुए वीके पांडियन ने अपनी कार्य शैली से न सिर्फ बीजू जनता दल के सदस्यों के बीच, बल्कि ओडिशा के लोगों के दिलों में भी अपनी अमिट छाप छोड़ चुके हैं।
23 वर्ष के प्रशासनिक सेवा की कार्यशैली लोगों को खूब भा रही है, क्योंकि जनमानस से संबंधित समस्याओं का निपटारा करने में वीके पांडियन को महारत हासिल है। हाल के महीनों में राज्य के विभिन्न हिस्सों में किए गए अपनी तूफानी दौरों के समय वीके पांडियन ने हजारों की सख्या में जन-समस्याओं को संग्रह किया था और उस पर तत्काल प्रभाव से कार्य शुरू करने के लिए उचित कदम उठाया। हालांकि इन तूफानी दौरों के बीच पांडियन विपक्षी दल भाजपा और कांग्रेस के साथ बीजद के कुछ नेताओं के केन्द्र में भी आए। विपक्षी दल लगातार हमले बोल रहे थे और एक आईएएस के रूप में उनके दौरे को राजनीतिक दौरा करार देते हुए केन्द्र सरकार तक गुहार लगा दी थी। हालांकि मुख्यमंत्री नवीन पटनायक के निर्देश पर वह लगातार काम करते रहे। उन्होंने इन सभी आलोचनाओं को दरकिनार कर जनता के हित में कार्य करते रहे और आईएएस पद से इस्तीफा देकर सबको चौंका दिया।
23 अक्टूबर को दिया था इस्तीफा
पांडियन तमिलनाडु के मूल निवासी हैं और ओडिशा कैडर के 2000 बैच के आईएएस अधिकारी हैं। ओडिशा सरकार में 23 साल की सेवा के बाद 23 अक्टूबर, 2023 को स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति (वीआरएस) ली थी। 5-टी परिवर्तन के चेहरे के रूप में उन्होंने राज्यभर के लोगों में अपनी एक अच्छी पैठ बना ली है।
24 घंटे में मिला था कैबिनेट मंत्री का दर्जा
वीके पांडियन को इस्तीफा देने के 24 घंटे के अंदर मुख्यमंत्री नवीन पटनायक ने कैबिनेट मंत्री का दर्जा देते हुए परिवर्तनकारी मुहिम फाइव-टी और नवीन ओडिशा का चेयरमैन नियुक्त कर दिया। इस कदम से लगातार हमलावर रहा विपक्ष सन्न रह गया, क्योंकि मौजूदा परिस्थितियों में वीके पांडियन के दौरे राजनीति के केन्द्र में थे। इसके बाद से ही अटकलें लगनी शुरू हो गई थी वीके पांडियन राजनीतिक जीवन में दस्तक दे सकते हैं।
ओडिशा में धर्मगड़ से हुई पांडियन की एंट्री
वीके पांडियन ने वर्ष 2002 में कलाहांडी जिले के धर्मगढ़ के उप-कलेक्टर के रूप में अपने नौकरशाही करियर की शुरुआत की और फिर 2005 में मयूरभंज जिले के कलेक्टर के रूप में तैनात हुए।
ओडिशा सरकार ने उन्हें 2007 में गंजाम का कलेक्टर नियुक्त किया था। जिसके बाद, वह सीएम नवीन पटनायक के करीबी बन गए और 2011 से उनके निजी सचिव के रूप में कार्य करने लगे।
फाइव-टी मुहिम की शुरूआत की
कहा जाता है कि नवीन पटनायक की परिवर्तनकारी मुहिम फाइव-टी की मुहिम की नींव वीके पांडियन ने ही रखी थी। हालांकि कि वे मुख्यमंत्री नवीन पटनायक का इसे निर्देश मानते हैं। ओडिशा में फाइव-टी के तहत लगभग सभी विभागों को लाया जा चुका है और पारदर्शी तरीके से सख्त निर्देष दिए गए हैं। मुख्यमंत्री पटनायक ने उन्हें सरकारी विभागों में कुछ परिवर्तनकारी पहलों को लागू करने के लिए 2019 में ‘5-टी सचिव’ की अतिरिक्त जिम्मेदारी दी थी।
यह है फाइव-टी
ओडिशा में मुख्यमंत्री मन नवीन पटनायक के परिवर्तनकारी मुहिम फाइव-टी वाले शब्द शामिल हैं। इसमें ट्रांसपरेंसी, टीम वर्क, टेक्नोलॉजी, टाइम वर्क एवं ट्रांस्फार्मेशन शामिल हैं।