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कीस-डीयू ने मनाया तीसरा दीक्षांत समारोह
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ओडिशा और छत्तीसगढ़ के राज्यपाल ने बढ़ाई शोभा
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झारखंड के भी हजारों छात्र कीस में शिक्षा लेकर हो रहे हैं सशक्त
भुवनेश्वर। ओडिशा के राज्यपाल रघुवर दास ने कहा कि विकसित भारत के लिए आदिवासियों का विकास जरूरी है। कलिंगा इंस्टीट्यूट आफ सोशियल साइंसेस (कीस) डीम्ड यूनिवर्सिटी का तीसरा दीक्षांत समारोह शनिवार को आयोजित किया गया, जिसमें 350 से अधिक छात्र-छात्राओं को उनके परास्नातक और पीएचडी कार्यक्रमों को पूरा करने के लिए डिग्री प्रदान की गई।
इस अवसर पर मुख्य अतिथि के रूप में भाग लेते हुए ओडिशा के राज्यपाल रघुवर दास ने भारत की वृद्धि और विकास में जनजातीय छात्रों की महत्वपूर्ण भूमिका पर जोर दिया। भारत को विकसित देश बनाना है, तो आदिवासियों का विकास जरूरी है। ओडिशा के राज्यपाल रघुवर दास ने कहा कि जनजातीय सशक्तिकरण के लिए कीट और कीस के संस्थापक डॉ अच्युत सामंत के योगदान की जितनी प्रशंसा की जाए, कम होगी।
राज्यपाल रघुवर दास ने कहा कि हमारे गृह राज्य झारखंड के हजारों आदिवासी छात्र इस अनुष्ठान के जरिए अपने सपने को साकार कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि यह आदिवासी समुदायों के लिए भी गर्व की बात है कि आजादी के 75 साल बाद भारत के पास द्रौपदी मुर्मू के रूप में एक आदिवासी नेता देश की राष्ट्रपति है। डा सामंत ने समारोह में अतिथियों और स्नातक छात्रों के माता-पिता के प्रति अपनी गहरी कृतज्ञता व्यक्त की।
छत्तीसगढ़ के राज्यपाल विश्व भूषण हरिचंदन भी इस समारोह में विशिष्ट अतिथि के रूप में उपस्थित थे। परमार्थ निकेतन आश्रम, ऋषिकेश के अध्यक्ष और आध्यात्मिक प्रमुख परम पूज्य स्वामी चिदानंद सरस्वती और सिंगापुर के मौद्रिक प्राधिकरण के मुख्य फिनटेक अधिकारी तथा एलेवेंडी बोर्ड के अध्यक्ष सोपनेन्दु मोहंती के साथ उन्हें डी-लिट की मानद उपाधि प्रदान की गई।
अपनी मातृभूमि को सदैव याद रखें – हरिचन्दन
छत्तीसगढ़ के राज्यपाल विश्व भूषण हरिचन्दन ने कीट और कीस की स्थापना के लिए डा सामंत के धैर्य और दृढ़ संकल्प की सराहना की और छात्रों को अपने पेशेवर जीवन को आगे बढ़ाते हुए अपने माता-पिता और मातृभूमि को नहीं भूलने के लिए प्रेरित किया। उन्होंने कहा कि पढ़ लिखकर आप चाहे भारत में रहें या विदेश में अपनी मातृभूमि को सदैव याद रखें।
भारत 2027 तक तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनेगा – अमिताभ कांत
जी-20 शेरपा और नीति आयोग के पूर्व सीईओ अमिताभ कांत ने कीट और कीस को दुनिया के सर्वश्रेष्ठ संस्थान बताया। यह एक ऐसा अनुष्ठान है, जहां आदिवासी बच्चों को मुफ्त में शिक्षा प्रदान की जाती है। उन्होंने डिजिटल क्रांति सहित प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा शुरू किए गए आर्थिक विकास की एक श्रृंखला को सूचीबद्ध किया और कहा कि भारत 2027 तक तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन जाएगा।
डा सामन्त की हुई खूब प्रशंसा
सोपनेन्दु मोहंती ने अपने अनुभव को साझा किया और भविष्य में कीस छात्रों के कोच बनने का आग्रह प्रकट किया। आध्यात्मिक नेता चिदानंद सरस्वती ने कहा कि शिक्षा के माध्यम से जनजातीय समाज के विकास के लिए जो प्रयास डा सामन्त कर रहे हैं, वह प्रशंसनीय है। ओडिशा के मुख्यमंत्री नवीन पटनायक जिस तरह से राज्य को समृद्धि के रास्ते पर ले जा रहे हैं, उसी तरह डा सामंत भी लाखों आदिवासी छात्रों को उनके सपनों को पूरा करने में मदद कर रहे हैं।
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उन्होंने कहा कि संस्थापक का स्वर्ण पदक पाने वाले 15 छात्रों में से 11 लड़कियां हैं और जिन छात्रों ने आज पदक जीता है, वे कल समाज के आदर्श बनेंगे। समारोह में सम्मानित अतिथि के तौर पर उपस्थित अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर प्रसिद्धि पा चुके भारतीय संगीतकार और तीन बार ग्रैमी पुरस्कार विजेता डॉ रिकी जी केज, ने छात्रों से जलवायु परिवर्तन के मुद्दे को संबोधित करने का आह्वान किया। उन्होंने कहा कि सार्थक बदलाव तभी हो सकता है जब व्यक्ति दूसरों की प्रतीक्षा करने के बजाय खुद को बदले और अपनी जिम्मेदारियों को समझे। कीस के चांसलर सत्य एस त्रिपाठी, कुलपति प्रोफेसर दीपक कुमार बेहरा और रजिस्ट्रार प्रशांत राउतराय ने भी अपने विचार रखे। दीक्षांत समारोह में कीट के अध्यक्ष सास्वती बल, उपाध्यक्ष उमापद बोस और विश्वविद्यालय के अन्य वरिष्ठ पदाधिकारियों ने भाग लिया।