Home / Odisha / ओडिशा ने रेशम उत्पादन के लिए नई पद्धति अपनाई
ओडिशा ने रेशम उत्पादन के लिए नई पद्धति अपनाई

ओडिशा ने रेशम उत्पादन के लिए नई पद्धति अपनाई

  • अब रेशम के कीड़ों को मारने की नहीं पड़ेगी जरूरत

  • नए रेशम का नाम रखा गया करुणा सिल्क

भुवनेश्वर। ओडिशा ने रेशम उत्पादन के लिए नई पद्धति अपनाई है। ओडिशा में पारंपरिक ‘पट्टा’ साड़ियां बनाने के लिए रेशम के कीड़ों को मारे बिना रेशम निकालने की एक नई विधि अपनाई गई है। हथकरघा विभाग के एक वरिष्ठ अधिकारी ने यह जानकारी दी।

अधिकारी ने बताया कि नए रेशम का नाम ‘करुणा सिल्क’ रखा गया है, क्योंकि इस प्रक्रिया में रेशम के कीड़ों को नहीं मारकर उनके साथ करुणा दिखाई जाती है। एक सामान्य शहतूती रेशम साड़ी 10 से 20 हजार रेशम कीड़ों को मारकर बनाई जाती है तथा एक तसर रेशम की साड़ी बनाने में पांच हजार से सात हजार रेशम के कीड़ों को मारा जाता है।

इस खबर को भी पढ़ेंः-ओडिशा के गंजाम में पत्नी और बेटी की हत्या के लिए कोबरा का प्रयोग

ओडिशा ने रेशम उत्पादन के लिए नई पद्धति  ली है, इस पर हथकरघा, कपड़ा और हस्तशिल्प विभाग के निदेशक शोवन कृष्ण साहू ने कहा कि हमारे मुख्यमंत्री नवीन पटनायक हमेशा अहिंसा के विचार को बढ़ावा देते हैं और चाहते हैं कि  सभी उत्पादन प्रक्रियाओं में इसका पालन हो। इसलिए हम ‘फिलामेंट सिल्क’ की पारंपरिक पद्धति को छोड़कर ‘करुणा सिल्क’ को बढ़ावा देना चाहते हैं। साहू ने कहा कि रेशम के कीड़ों को बचाने की ओडिशा की नई पहल नयी दिल्ली के प्रगति मैदान में आयोजित भारत अंतर्राष्ट्रीय व्यापार मेले (आईआईटीएफ) में आगंतुकों का ध्यान आकर्षित कर रही है।

Share this news

About admin

Check Also

बलात्कार पीड़ितों की मेडिकल रिपोर्ट सात दिनों जारी करने के निर्देश

राज्य स्वास्थ्य विभाग ने सभी सरकारी और निजी डॉक्टरों तथा पंजीकृत चिकित्सकों को लिखा पत्र …

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *