-
विधानसभा में पहली पाली की बैठक में नहीं हो सका कोई कामकाज
-
भाजपा व कांग्रेस के विधायकों ने की राज्य सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी
भुवनेश्वर। राज्य विधानसभा के शीतकालीन सत्र के तीसरे दिन भी विपक्षी विधायकों ने आदिवासियों की जमीन बिक्री मामले को लेकर जमकर हंगामा किया। जनजातीय लोगों की जमीन को गैरजनजातीय लोगों को बेचने की अनुमति देने संबंधी राज्य कैविनेट के निर्णय के मुद्दे को लेकर लगातार दो दिनों से विधानसभा में हंगामा हो रहा है। आज गुरुवार को भी पहली पाली में कोई कामकाज नहीं हो सका। इस कारण विधानसभा अध्यक्ष प्रमिला मलिक ने सदन को शाम के चार बजे तक स्थगित रखने की घोषणा की। इससे विधानसभा में आज प्रश्नकाल, शून्यकाल व कार्यस्थगन प्रस्ताव पर चर्चा नहीं हो सकी।
सदन का काम आज भी निर्धारित समय यानी साढ़े दस बजे शुरू हुआ। सदन शुरू होते ही अध्यक्ष प्रमिला मल्लिक ने प्रश्नकाल कार्यक्रम शुरू करना चाहा। उन्होंने प्रश्न का उत्तर देने के लिए जल संसाधन मंत्री टुकुनी साहू को बुलाया। साहू ने प्रश्न का उत्तर सदन में पढ़ना प्रारंभ किया। तभी आदिवासियों की जमीन के मुद्दे पर विपक्षी दल के विधायकों ने हंगामा शुरू कर दिया।
आदिवासी विरोधी होने का आरोप
भाजपा व कांग्रेस के विधायक सदन के बीच में आ गये और राज्य सरकार पर आदिवासी विरोधी होने का आरोप लगाकर नारेबाजी करने लगे। भाजपा विधायकों ने हाथों में तख्तियां पकड़ी थी। इनमें राज्य सरकार के आदिवासी विरोधी होने संबंधी नारे लिखे गये थे।
पोडियम पर चढ़ने का प्रयास
कांग्रेस विधायक ताराप्रसाद वाहिनीपति ने विधानसभा अध्यक्ष के पोडियम पर चढ़ने का प्रयास किया। विधानसभा अध्यक्ष के सुरक्षाकर्मियों ने उन्हें रोका। मंत्री टुकुनी साहू अपना उत्तर दे रही थीं, लेकिन हंगामे के कारण वह क्या बोल रही थीं, वह प्रेस गैलरी तक स्पष्ट नहीं हो रहा था।
सहयोग करने का आग्रह विफल
विधानसभा अध्यक्ष ने विपक्षी विधायकों से हंगामा बंद कर सदन के कामकाज में सहयोग करने का आग्रह किया। विधानसभा अध्यक्ष के आग्रह का विरोधी विधायको पर कोई असर नहीं हुआ। इस कारण विधानसभा अध्यक्ष गतिरोध को दूर करने के लिए ने सदन की कार्यवाही चार बजे तक के लिए स्थगित करने की घोषणा की।
Indo Asian Times । Hindi News Portal । इण्डो एशियन टाइम्स,। हिन्दी न्यूज । न रूकेगा, ना झुकेगा।।
