Home / Odisha / कैपिटल अस्पताल आते समय लापता मरीज की आंखें और किडनी निकाली
कैपिटल अस्पताल आते समय लापता मरीज की आंखें और किडनी निकाली
कैपिटल अस्पताल आते समय लापता मरीज की आंखें और किडनी निकाली

कैपिटल अस्पताल आते समय लापता मरीज की आंखें और किडनी निकाली

  • सीने पर चीरे के निशान, तेजाब से चेहरा किया विकृत

  • मृतक के भाई ने लगाया आरोप

  • एंबुलेंस चालक की संलिप्तता पर उठाई अंगुली

  • कैटिपटल अस्पताल में नहीं दर्ज हुई कोई इंट्री

भुवनेश्वर। ओडिशा की राजधानी स्थित कैपिटल अस्ताल में इलाज के लिए आते समय लापता मरीज की आंखें और किडनी निकालने का मामला प्रकाश में आया है। उनके सीने पर भी चीरा लगने का निशान मिला है, जबकि तेजाब के कारण उनका चेहरा विकृत कर दिया गया है।

बताया जाता है कि पिछले आठ दिनों से लापता इस मरीज का शव गुरुवार रात कटक के ओलटपुर के पास एक खेत में मिला। जांच के दौरान पाया गया कि उसकी आंखें फोड़ दी गईं और पेट पर चोट के निशान हैं। मृतक की पहचान भुवनेश्वर के यूनिट-1 क्षेत्र के केलुचरण राउतराय के रूप में की गई है।

उनके परिवार के सदस्यों ने कल आरोप लगाया कि अंग तस्करों ने उनकी आंखें और किडनी निकाल ली हैं। जानकारी के अनुसार, राउतराय ने पिछले शुक्रवार को बीमारी की शिकायत की और कई बार उल्टी की थी। इसके बाद उन्हें कैपिटल अस्पताल ले जाने के लिए 108 एम्बुलेंस सेवा को बुलाया गया। वह घर से अस्पताल के लिए निकले, लेकिन बाद में वह लापता हो गये। कैपिटल अस्पताल के पास उनके नाम पर कोई ओपीडी पंजीकरण भी नहीं है।

मृतक के भाई विष्णुप्रसाद राउतराय ने कहा कि जब मैंने उनकी शरीर देखी, तो मैंने पाया कि उसकी आंखें निकली हुई थीं। उनके पेट में चीरा लगाकर उनकी किडनी निकाल ली गई है। उनके सीने पर भी चोट के निशान हैं। उसका चेहरा भी तेजाब से विकृत हो गया था। उन्होंने कहा कि यहां एक बड़ा अंग तस्करी रैकेट संचालित हो रहा है। उन्होंने कहा कि मुझे संदेह है कि इस हत्या में 108 एम्बुलेंस सेवा के कर्मचारी शामिल हैं, क्योंकि मेरे भाई को आखिरी बार एम्बुलेंस में देखा गया था, लेकिन कैपिटल अस्पताल के पास उसका कोई रिकॉर्ड नहीं है। अगर मामले की गहनता से जांच हो तो मेरे भाई को न्याय मिलेगा।

Share this news

About admin

Check Also

गिरिराज सिंह के बयान से भाजपा कार्यकर्ताओं को झटका

नवीन पटनायक की सराहना से बीजद सरकार के कार्यों को मिली मान्यता राज्य के पिछड़ेपन …

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *