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बंगाल की खाड़ी में निम्न दबाव का क्षेत्र डिप्रेशन में तब्दील
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जिला कलेक्टरों को संवेदनशील क्षेत्रों में स्थिति पर कड़ी नजर रखने का निर्देश
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विशेष राहत आयुक्त ने किसी भी स्थिति का सामना करने के लिए प्रशासनिक मशीनरी को तैयार रखने को कहा
भुवनेश्वर। बंगाल की खाड़ी में बने तूफानी मौसम को लेकर ओडिशा अलर्ट है। पश्चिम-मध्य बंगाल की खाड़ी के ऊपर निम्न दबाव अब डिप्रेशन में केंद्रित हो गया है। इसके मद्देनजर राज्य सरकार ने बुधवार को जिला कलेक्टरों को संवेदनशील क्षेत्रों में स्थिति पर कड़ी नजर रखने का निर्देश दिया है।
सभी जिलाधिकारियों को लिखे पत्र में विशेष राहत आयुक्त (एसआरसी) सत्यब्रत साहू ने उनसे सतर्क रहने और उन क्षेत्रों में किसी भी स्थिति का सामना करने के लिए प्रशासनिक मशीनरी को तैयार रखने को कहा, जिनके लिए नारंगी चेतावनी जारी की गई है।
पत्र में कहा गया है कि भारी से बहुत भारी बारिश की स्थिति में शहरी क्षेत्रों के निचले इलाकों में जल जमाव हो सकता है और सड़कें और नालियां पानी में डूब सकती हैं। बहुत भारी बारिश की स्थिति में निचले इलाकों के लोगों को अस्थायी रूप से सुरक्षित स्थानों पर स्थानांतरित किया जा सकता है।
प्रशासन को लोगों को मौसम पर नजर रखने और आंधी तूफान के दौरान सुरक्षित आश्रय लेने की सलाह देनी चाहिए। उन्होंने लिखा है कि मछुआरों के लिए आईएमडी की सलाह को सख्ती से लागू किया जाना चाहिए। किसानों को सब्जियों, बागवानी फसलों, खड़ी धान की फसलों, कटी हुई फसलों और मंडियों में धान की सुरक्षा के लिए आवश्यक उपाय करने की सलाह दी जा सकती है। एसआरसी ने कलेक्टरों से भारी से बहुत भारी बारिश की रिपोर्ट देने को कहा।
इधर, आईएमडी ने अपने नवीनतम बुलेटिन में कहा कि निम्न दबाव का क्षेत्र पश्चिम मध्य बंगाल की खाड़ी के ऊपर एक डिप्रेशन में बदल गया है। इसके शुरू में उत्तर-पश्चिम की ओर बढ़ने, फिर उत्तर-उत्तर-पश्चिम की ओर बढ़ने और गुरुवार सुबह आंध्र प्रदेश तट से दूर पश्चिम-मध्य बंगाल की खाड़ी के ऊपर एक गहरे दबाव में तब्दील होने की संभावना है। इसके बाद यह उत्तर-पूर्व की ओर मुड़ेगा और 17 नवंबर को ओडिशा तट के पास उत्तर-पश्चिमी बंगाल की खाड़ी पर पहुंचेगा। मौसम विभाग ने पुरी, केंद्रापड़ा, कटक, जगतसिंहपुर, भद्रक और बालेश्वर जैसे जिलों के लिए पीली चेतावनी जारी की है। मौसम विभाग ने बालेश्वर और भद्रक में एक या दो स्थानों पर भारी से बहुत भारी वर्षा (7 से 20 सेमी) होने की संभावना जताते हुए नारंगी चेतावनी जारी की है। इसके साथ ही मयूरभंज, जाजपुर और केंद्रपाड़ा में एक या दो स्थानों पर भारी वर्षा (7 से 11 सेमी) भी हो सकती है।
उत्तरी तटीय ओडिशा, मयूरभंज, केंदुझर, ढेंकानाल में कई स्थानों पर और खुर्दा, पुरी, अनुगूल, नयागढ़, सुंदरगढ़, देवगढ़ में कुछ स्थानों पर और संबलपुर, झारसुगुड़ा, बौध, कंधमाल और गंजाम जिले में एक या दो स्थानों पर हल्की से मध्यम बारिश या गरज के साथ बौछारें पड़ने की संभावना है। इन जिलों के लिए पीली चेतावनी जारी की है।
मौसम विभाग ने बताया है कि हवा की गति धीरे-धीरे बढ़कर 16 नवंबर की सुबह से 45-55 किमी प्रति घंटे से बढ़कर 65 किमी प्रति घंटे तक पहुंचने की संभावना है। इसके बाद 16 नवंबर की शाम से 18 नवंबर की सुबह तक 50-60 किमी प्रति घंटे से लेकर 70 किमी प्रति घंटे की रफ्तार तक पहुंचने की संभावना है और उसके बाद इसमें कमी आएगी। मछुआरों को 15-18 नवंबर तक ओडिशा तट और उसके आसपास समुद्र में न जाने की सलाह दी गई है। इसके साथ ही ओडिशा के सभी बंदरगाहों पर दूरवर्ती चेतावनी संकेत संख्या-I फहराते रहने को कहा गया है।