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लाकडाउन के दौरान अपने 30 किरायदारों का चार महीने का किराया किया माफ
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साथ ही जरूरतमंद किरायेदारों में खाद्य सामग्री से भरा एक पैकेट भी दिया
राजगांगपुर. कोरोना वायरस जैसी महामारी में लाकडाउन के दौरान मकान मालिक समाजसेवी सोहेब आलम ने आज अपने 30 किराएदारो का चार महिनों का किराया नहीं लेने की बात कही. आज लाकडाउन का 19वां दिन है. इसका सबसे ज्यादा मार गरीब तबके के दिहाड़ी मजदूरों पर पड़ी है, जो रोजाना काम कर अपना भरण पोषण करते हैं. ऐसे लोगों के पास न राशन कार्ड है और न ही अपना घर है.
वे लोग झुग्गी झोपड़ी में रह बसर कर रहे हैं. ऐसे परिवारों पर एक-एक दिन भारी पड़ रहा है. ऐसे परिवारों को एक समय का खाना जुटाना महंगा पड़ रहा है. राजगांगपुर शहर में ऐसे कई दिहाड़ी और मांग कर खाने वाले गरीब परिवार हैं, जो रोज कमाकर अपना परिवार का भरण पोषण करते हैं. कोरोना वायरस जैसी महामारी में लाकडाउन की अवधि राज्य सरकार ने 30 अप्रैल तक बढ़ा देने की घोषणा करने के बाद जरूरत मंद एवं गरीब परिवारों की मदद करने के लिए बीजद अल्पसंख्यक सेल के प्रदेश महासचिव एवं समाजसेवी सोएब आलम ने अपना हाथ आगे बढ़ाया है.
लिपलोई वार्ड नंबर-8 हनुमान मंदिर के पास स्थित उनके भाड़े में रहनेवाले 30 किरायदारों का चार महीना का किराया नहीं लेने का निर्णय लिया है, जबकि किरायादारों ने मकान मालिक सोएब आलम से 3 महीना का किराया नहीं लेने की बात कही थी, क्योंकि जो लोग उनके भाड़े के घर मे रहते हैं वे लोग दिहाड़ी मजदूर एवं गरीब तबके के हैं, जिनका महीने का किराया पांच सौ और हजार रुपये है. उनके खपरे के घर में भाड़े में रहने वाले लोग ढेकानाल, कटक, जगतसिंपुर, जाजपुर, बालेश्वर के हैं. ये उनके मकान में कई वर्षों से रह रहे हैं. लाकडाउन के दौरान उन लोगों की स्थिति इतनी खराब हो गई है कि घर का राशन तक जुटाना मुश्किल हो गया है.
यह सब सुनने के बाद सोएब आलम ने तुरंत उन लोगों के तीन महीना का किराया छोड़ने की सिफारिश को एक महीना और बढ़ाते हुए 4 महीना का किराया माफ कर दिया. यह सुनने के बाद तीसों घरों के परिवारों ने समाजसेवी सोएब आलम का आभार जताया। रानीबंध में सड़क के किनारे मैदान पर झुग्गी झोपड़ी बना कर गुजारा करने वाले बंजारा लोगों के लगभग 30 परिवारों को भी समाजसेवी सोएब आलम ने आज खाने की सामग्री पहुँचाया, जिसमें 4 बोरी चावल, एक बोरा आलू, 15 किलो दाल था. इस अवसर पर सोएब आलम ने कहा है कि जब तक लाकडाउन की स्थिति बनी रहेगी, तब तक उन जरूरतमंदों तक खाना और खाद्य समाग्री पहुंचाता रहूंगा जो अर्थिक रूप से बहुत ज्यादा गरीब हैं.