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एंबुलेंस की नहीं मिलने पर ट्रॉली से ले गए शव

  •  सोरो में सरकारी एंबुलेंस नहीं मिलने गरीब परिवार नहीं दे पाया निजी एबुंलेंस का किराया

बालेश्वर। बेहतर और मुफ्त स्वास्थ्य सेवाएं प्रदान करने के ओडिशा सरकार के बड़े-बड़े दावे विफल होते दिख रहे हैं। खासकर एम्बुलेंस या महाप्रयाण मुफ्त शव वाहन योजना के मामले में कई विफलताएं देखने को मिली हैं। एक ऐसी ही घटना बालेश्वर जिले के सोरो में देखने को मिली है, जहां लोगों को एक शव को ट्रॉली में 5 किमी तक ले जाने के लिए मजबूर होना पड़ा।

जानकारी के अनुसार, दहिसाड़ा पंचायत के चपुलिया गांव की ममता सिंह की तबीयत बिगड़ने पर उनके परिजन उन्हें सोरो अस्पताल ले गए थे। हालांकि, बाद में अस्पताल में इलाज के दौरान ममता की मौत हो गई। बाद में परिजनों ने सरकारी एंबुलेंस से संपर्क किया, लेकिन अधिकारी ने कहा कि इसमें शव नहीं ले जाया जा सकता।

जब परिवार के सदस्यों ने एक निजी एम्बुलेंस से संपर्क किया, तो उन्हें सेवा देने के लिए 1500 रुपये का भुगतान करने के लिए कहा गया। चूंकि ममता के परिवार की आर्थिक स्थिति अच्छी नहीं थी, इसलिए वे भुगतान नहीं कर पाए। कोई अन्य विकल्प न होने पर परिवार के सदस्यों ने रात लगभग 10 बजे ममता के शव को अपनी ट्रॉली में अस्पताल से घर वापस ले जाने का फैसला किया। उनका घर अस्पताल से 5 किमी की दूरी पर था।

हालांकि इस मामले में जिला प्रशासन या स्वास्थ्य अधिकारियों से संपर्क नहीं हो सका था।

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