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विश्वविद्यालय की यह पहल कृषि, पशुपालन और डेयरी विज्ञान और वन प्रबंधन में अभ्यास को काफी बढ़ाएगी
भुवनेश्वर। ओडिशा केंद्रीय विश्वविद्यालय ने वर्तमान शैक्षणिक वर्ष के लिए एक महत्वपूर्ण विकास करने के उद्देश्य से जापानी भाषा प्रमाणपत्र पाठ्यक्रम का उद्घाटन किया है। माननीय कुलपति प्रोफेसर चक्रधर त्रिपाठी ने विश्वविद्यालय परिसर में आयोजित कार्यक्रम में पाठ्यक्रम का औपचारिक उद्घाटन किया। जापानी फाउंडेशन, नई दिल्ली के निदेशक श्री सातो कोजी; भारत में जापान के राजदूत की प्रतिनिधि सुश्री हकामाता माहो; दिल्ली विश्वविद्यालय के पूर्वी एशियाई अध्ययन विभाग के प्रोफेसर नबीन कुमार पांडा के साथ-साथ विश्वविद्यालय के संकाय, वरिष्ठ अधिकारी और उत्साही छात्र इस कार्यक्रम में शामिल हुए।
प्रोफेसर त्रिपाठी ने अपने संबोधन में जापान के कृषि, पशुपालन और डेयरी विज्ञान और वन प्रबंधन में तकनीकी प्रगति के महत्व पर जोर दिया और जापान को इस क्षेत्र में एक वैश्विक नेता के रूप में वर्णित किया। उन्होंने आशा व्यक्त की कि इस पाठ्यक्रम के माध्यम से स्नातक छात्र न केवल जापानी भाषा सीखेंगे, बल्कि विश्वविद्यालय के माध्यम से इस उन्नत तकनीक को भारत में भी लाएंगे। प्रोफेसर त्रिपाठी का दृढ़ विश्वास था कि विश्वविद्यालय की यह पहल कृषि, पशुपालन और डेयरी विज्ञान और वन प्रबंधन में अभ्यास को काफी बढ़ाएगी और क्षेत्र और राष्ट्र के विकास में मदद करेगी। उन्होंने छात्रों को पढ़ाई और अनुसंधान पर ध्यान केंद्रित करके देश के अग्रदूतों में से एक बनने के लिए प्रोत्साहित किया। उन्होंने आशा व्यक्त की कि हमारे छात्र शिक्षा, कृषि, विज्ञान और प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में उत्कृष्ट प्रदर्शन करेंगे और नोबेल पुरस्कार विजेता बनेंगे।
यह पूरे राज्य के लिए एक ऐतिहासिक क्षण है क्योंकि ओडिशा केंद्रीय विश्वविद्यालय, भारत सरकार की पूर्व नीति के सहयोग से, जापानी भाषा पाठ्यक्रम की पेशकश करने वाला राज्य का पहला विश्वविद्यालय है ।
इस अवसर पर नई दिल् ली में जापानी फाउंडेशन के निदेशक श्री सातो कोजी ने वर्तमान परिदृश् य में जापानी भाषा सीखने वाले छात्रों के लिए उज्जवल संभावनाओं पर जोर दिया। उन्होंने विश्वविद्यालय में जापानी भाषा की शिक्षा शुरू करने के लिए प्रोफेसर त्रिपाठी की नेक पहल की सराहना की, जो क्षेत्र के शिक्षा क्षेत्र में एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर होगा और भारत और जापान के बीच अधिक आपसी सहयोग को बढ़ावा देने का वादा करेगा।
सुश्री हकामाता माहो ने भोजन, परंपरा और धर्म के संदर्भ में जापान और ओडिशा के बीच सांस्कृतिक समानता पर प्रकाश डाला। उन्होंने जापानी भाषा सीखकर दोनों देशों के लोगों के बीच आदान-प्रदान को बढ़ावा देने और प्रौद्योगिकी, शिक्षा, पर्यटन और अन्य क्षेत्रों में सहयोग बढ़ाने पर जोर दिया। नई दिल्ली में जी-20 शिखर सम्मेलन के दौरान जापान और भारत के बीच अच्छे संबंधों पर जापान और भारत के प्रधानमंत्रियों के बीच हुई बैठक को याद करते हुए उन्होंने आशा व्यक् त की कि यह विश्वविद्यालय भारत में जापानी शिक्षा का केन्द्र बनेगा।
दिल्ली विश्वविद्यालय के पूर्वी एशियाई अध्ययन विभाग के प्रमुख प्रोफेसर नबीन कुमार पांडा ने जापानी भाषा में कुशल छात्रों के लिए भारत के कॉर्पोरेट क्षेत्र, विशेष रूप से जापान में उपलब्ध कई अवसरों पर प्रकाश डाला। उन्होंने जापानी भाषा की प्रवीणता परीक्षा पास करने और जापान में उच्च शिक्षा प्राप्त करने की संभावना पर जोर दिया। जापानी भाषा में सर्टिफिकेट कोर्स के नाम पर रखा गया वर्तमान पाठ्यक्रम, अगले दो वर्षों के लिए नियोजित डिप्लोमा और उन्नत डिप्लोमा को शामिल करने के लिए श्रृंखला का पहला पाठ्यक्रम है।
जापानी भाषा सर्टिफिकेट कोर्स के लिए प्रारंभिक प्रवेश क्षमता 60 छात्रों के लिए निर्धारित की गई है, जिसमें 9 अक्टूबर, 2023 को आयोजित होने वाली प्रवेश परीक्षा के माध्यम से प्रवेश दिया जाएगा। पाठ्यक्रम को दो वर्गों में विभाजित किया जाएगा, प्रत्येक में 30 छात्र होंगे।
अंग्रेजी विभाग के एसोसिएट प्रोफेसर और प्रमुख डॉ निर्झरिणी त्रिपाठी ने कार्यक्रम को कुशलतापूर्वक समन्वित किया और प्रभारी रजिस्ट्रार प्रोफेसर एन सी पांडा ने धन्यवाद ज्ञापन किया और कहा कि ओडिशा केंद्रीय विश्वविद्यालय में यह नया शिक्षा कार्यक्रम एक आशाजनक सफलता होगी।
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