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2015-16 से 25 सितंबर 2023 के बीच कुल 698 हाथियों, 48 तेंदुओं और सात रॉयल बंगाल टाइगर की जान गई
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वन और पर्यावरण मंत्री प्रदीप आमत ने विधानसभा में दी जानकारी
भुवनेश्वर। ओडिशा में पिछले पांच वर्षों में हाथियों के हमलों में 602 लोगों की मौत हो चुकी है। यह जानकारी वन और पर्यावरण मंत्री प्रदीप आमत ने आज विधानसभा में दी। उन्होंने
कांग्रेस विधायक ताराप्रसाद वाहिनीपति के एक अतारांकित प्रश्न का उत्तर देते हुए विधानसभा को बताया कि राज्य में हाथियों के हमलों में 2018-19 और 2022-23 के बीच 127 घरेलू जानवर भी मारे गए। मंत्री ने आगे बताया कि इस अवधि में हाथियों के हमले में 9,611 घर क्षतिग्रस्त हो गए हैं।
आमत ने सदन को बताया कि वन विभाग ने राज्य में हाथियों के खतरे को रोकने के लिए सक्रिय कदम उठाए हैं। इस दौरान मंत्री आमत ने विधायक प्रफुल्ल सामल द्वारा पूछे गए एक अतारांकित प्रश्न का उत्तर देते हुए बताया कि 2015-16 से 25 सितंबर 2023 के बीच कुल 698 हाथियों, 48 तेंदुओं और सात रॉयल बंगाल टाइगर की मौत हो गई।
उन्होंने सदन को बताया कि हाथियों और बाघों की मौत बीमारियों, बिजली के झटके, ट्रेन दुर्घटना, सड़क दुर्घटना, अवैध शिकार और जहर सहित कई कारणों से हुई।
विधायक सामल ने जानवरों की मौत को कम करने के लिए उठाए गए कदमों के बारे में भी जानना चाहा था। अपने जवाब में मंत्री ने कहा कि उनके प्राकृतिक आवासों को मजबूत किया गया है। बड़ी संख्या में हाथी चारे वाले पौधे लगाए गए हैं और चारागाह विकसित किए गए हैं। उन्होंने कहा कि इसके अलावा, कृत्रिम तालाब भी खोदे गए हैं और जंगल की आग और अवैध शिकार से निपटने के लिए कदम उठाए गए हैं।