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बचपन के कैंसर के 75-80% मरीज पूरी तरह से हो सकते हैं ठीक
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जागरूकता पैदा करने के लिए वॉकथॉन आयोजित
भुवनेश्वर। एक बहु-विषयक दृष्टिकोण के साथ एम्स भुवनेश्वर में मेडिकल ऑन्कोलॉजी/हेमेटोलॉजी विभाग, कैंसर से पीड़ित बच्चों को समग्र, गुणवत्तापूर्ण और किफायती देखभाल प्रदान कर रहा है। बचपन के कैंसर पर जागरूकता बढ़ाने के लिए आज राष्ट्रीय संस्थान में आयोजित एक विशेष कार्यक्रम के दौरान एम्स भुवनेश्वर के कार्यकारी निदेशक डॉ आशुतोष विश्वास ने कहा कि यह देश के इस हिस्से में प्रशिक्षित संकाय द्वारा बच्चों को विशेष कैंसर देखभाल प्रदान करने वाला एकमात्र सरकारी संस्थान है।
हम न केवल ओडिशा राज्य, बल्कि पश्चिम बंगाल, छत्तीसगढ़ और झारखंड जैसे आसपास के राज्यों के बाल रोगियों को भी सेवा प्रदान करते हैं। डॉ बिस्वास ने कहा कि विभाग ने कैंसर से पीड़ित 1200 से अधिक बच्चों को पंजीकृत किया है और वर्तमान में प्रति वर्ष लगभग 250-300 नए रोगियों का इलाज करता है।
एम्स भुवनेश्वर इन जरूरतमंद बच्चों के लिए मेडिकल ऑन्कोलॉजी/हेमेटोलॉजी विभाग में हेमेटोपोएटिक स्टेम सेल प्रत्यारोपण शुरू करने जा रहा है। डॉ सोनाली महापात्र ने कहा कि पिछले 50 वर्षों में बच्चों में होने वाले कैंसर के परिणाम असाध्य प्रतीत होने वाली बीमारियों से बदल कर 80-90% से अधिक जीवित रहने तक पहुंच गए हैं। वर्तमान युग में 75-80% से अधिक बचपन के कैंसर रोगियों को पूरी तरह से ठीक किया जा सकता है। उन्होंने बताया कि तीव्र लिम्फोब्लास्टिक ल्यूकेमिया (रक्त कैंसर), लिम्फोमा और गुर्दे के ट्यूमर जैसे कुछ कैंसर में 90% से अधिक जीवित रहने की संभावना है।
बचपन के कैंसर के विभिन्न पहलुओं पर जागरूकता बढ़ाने के लिए, विभाग ने आज वॉकथॉन, रोगी/अभिभावक और डॉक्टर बातचीत जैसे कार्यक्रमों की श्रृंखला आयोजित की। इस कार्यक्रम में कार्यकारी निदेशक डॉ विश्वास के साथ-साथ चिकित्सा अधीक्षक डॉ दिलीप कुमार परिडा, डॉ देवाशीष साहू, डॉ कनिष्का दास, डॉ सोमनाथ पाढ़ी, डॉ बीबी त्रिपाठी, डॉ सुब्रत साहू, डॉ उपस्थित थे।